जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर असंगत स्थिति की कड़ी आलोचना की है, और इसके आपत्तियों में ढोंग की ओर इशारा किया है. एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने कहा, “जब आप 100 से ज्यादा सांसदों को वही EVMs इस्तेमाल करते हुए जीतते हुए देख सकते हैं और इसका जश्न मनाते हैं, तो सिर्फ इसलिए मशीन पर सवाल नहीं उठाए जा सकते क्योंकि नतीजे आपके पक्ष में नहीं आए.”
उमर अब्दुल्ला ने यह आरोप भी खारिज किया कि उनके बयान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता की तरह हैं. उन्होंने कहा, “ईश्वर न करे!” हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके विचार सिद्धांतों पर आधारित हैं, न कि पार्टिज़नशिप पर, और केंद्रीय विस्ता जैसे परियोजनाओं के समर्थन को अपनी स्वतंत्र सोच का उदाहरण बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पार्टियों ने EVM को लेकर सवाल उठाए हैं, उन्हें अपनी स्थिति में स्थिरता बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह केवल महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में हार के बाद ही EVM पर सवाल उठाती है. “एक दिन मतदाताओं ने आपको चुना, दूसरे दिन नहीं चुना. मशीन वही रहेंगी,” अब्दुल्ला ने यह कहते हुए वोटरों की भावना का सम्मान करने की बात की. उन्होंने अपने खुद के अनुभव का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बावजूद मशीनों को दोषी नहीं ठहराया, जबकि उनकी पार्टी ने सितंबर में विधानसभा चुनावों में बहुमत प्राप्त किया था.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार: नागपुर में 39 मंत्रियों ने ली शपथ
अब्दुल्ला के बयान उनके और कांग्रेस के बीच बढ़ते तनाव को भी दर्शाते हैं. दोनों पार्टियां जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों में एक साथ चुनाव प्रचार कर रही थीं, लेकिन अब्दुल्ला ने कांग्रेस की प्रदर्शन पर असंतोष जताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अधिकतर प्रचार का जिम्मा नेशनल कॉन्फ्रेंस पर छोड़ दिया था. जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 42 सीटें जीतीं, वहीं कांग्रेस केवल छह सीटों पर ही सिमट गई. यह स्थिति उनकी साझेदारी के कमजोर होने को दर्शाती है.
अंत में, अब्दुल्ला ने व्यापक चुनावी सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए विपक्षी पार्टियों से अपील की कि वे EVM पर संकीर्ण ध्यान केंद्रित करने के बजाय बड़े और समग्र प्रणालीगत बदलावों पर ध्यान दें.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.