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Ayodhya Ram Mandir: ’22 जनवरी को मस्जिद-मदरसों में भी हो राम-राम का जाप…हमारे पुरखे एक’, RSS के इंद्रेश कुमार ने की अपील

UP News: राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों में ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ का जाप किया जाए.

फोटो सोशल मीडिया

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा और इसी दिन रामलला मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होंगे. इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने मुस्लिम समाज से इस दिन राम नाम जपने की अपील की है. रविवार को उन्होंने कहा कि राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों में ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ का जाप किया जाए. इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, हमारे पुरखे एक हैं.

दिल्ली में ‘राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर: ए कॉमन हेरिटेज’ नाम की एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि, ‘‘भारत में 99 प्रतशित मुसलमान और अन्य गैर-हिंदुओं का भारत से नाता है. उनका नाता आगे भी बना रहेगा, क्योंकि हमारे पुरखे एक ही थे. उन्होंने अपना धर्म बदला, अपना देश नहीं.” इसी के साथ उन्होंने इस्लाम, ईसाइयत, सिख या किसी भी अन्य धर्म का पालन कर रहे लोगों से ‘शांति, सद्भाव एवं भाईचारा’ के लिए अपने अपने धर्मस्थलों पर प्रार्थना कर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़ने की अपील की है. बता दें कि इंद्रेश कुमार आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के मुख्य संरक्षक हैं. उन्होंने अपने बयान को जारी रखते हुए आगे कहा कि, ‘‘हमारे पुरखे एक ही थे, हमारी सूरत भी एक जैसी है, हमारी पहचान संबंधी आकांक्षाएं भी समान हैं. हम सभी का इसी देश से नाता है, हमारा विदेशियों से कोई लेना-देना नहीं है.’’

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मस्जिदों में हो श्रीराम का जाप

पुस्तक का विमोचन करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि ‘‘एमआरएम ने अपील की है और मैं आज दोहरा रहा हूं कि दरगाहों, मकतबों, मदरसों और मस्जिदों में 11 बार ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ दोहराएं. बाकी आप अपनी उपासना पद्धति का पालन करें.’’ तो वहीं इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे और उन्होंने इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘‘जिनका हृदय बड़ा है, सोच बड़ी है, उनके लिए पूरा विश्व ही कुनबा (परिवार) है. ज्ञान परंपरा, जिस पर भारत आधारित है, इस उपदेश से भरा है.’’

-भारत एक्सप्रेस



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