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UP Assembly: “विपक्ष उल्लू सीधा करना चाहता है”- बोले सुरेश खन्ना तो अखिलेश ने पूछा, “दिन में जिसे न दिखे उसे क्या कहते हैं?”

UP Assembly: मणिपुर के मामले को लेकर ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और भाजपा नेता सुरेश खन्ना के बीच जमकर तीखी बयानबाजी हुई.

सत्र में बोलते सुरेश खन्ना (फोटो ट्विटर)

UP Assembly: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे के बीच ही निपटा और सत्ता व विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप ही लगाते रहे और छींटाकशी करते रहे. मुख्य विपक्षी दल सपा की ओर से अखिलेश यादव जहां मणिपुर हिंसा को लेकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे. वहीं योगी खेमे के मंत्री उनको लगातार जवाब देते रहे.

अखिलश यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ ही यूपी की योगी सरकार व मणिपुर की एनडीए सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की. मणिपुर के मामले को लेकर ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और भाजपा नेता सुरेश खन्ना के बीच जमकर तीखी बयानबाजी हुई. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की. वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नियमों का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा से इनकार कर दिया. इसके बाद सपा खेमे के लोगों ने जमकर हंगामा किया और तख्ती लेकर वेल तक पहुंच गए.

इस बीच उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने अखिलेश पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष इस तरह के मामलों को लेकर अपना उल्लू सीधा करना चाहता है. वहीं अखिलेश यादव ने पूछा, “दिन में जिसे न दिखे उसे क्या कहा जा सकता है?”

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कुल मिलाकर यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा. इसी के साथ महंगे होते टमाटर व महंगाई के साथ ही बेरोजगारी और किसानों की परेशानी को लेकर भी अखिलेश ने सवाल उठाए और मुख्यमंत्री के मणिपुर हिंस पर कुछ न बोलने पर कहा, “दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां मणिपुर की घटना की निंदा न की गई हो. अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी निंदा की है. इंग्लैंड ने इस घटना की निंदा की है.”

अखिलेश ने कहा कि क्या हम प्रदेश के नेता से इस पर बयान देने की उम्मीद नहीं कर सकते? सीएम योगी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “संभव है कि मुख्यमंत्री के कुछ दायित्व हों, लेकिन भाजपा शासित राज्यों की बेटियों और बहनों का दिल डर से भरा हुआ है.”

-भारत एक्सप्रेस



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