पार्थ चटर्जी निकला असली मास्टरमाइंड
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC ) घोटाले में अपनी पहली चार्जशीट में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को साजिश के पीछे मुख्य मास्टरमाइंड करार दिया है.पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अभी जेल की सलाखों के पीछे हैं. CBI के सूत्रों के अनुसार, अधिकारी उन लोगों की पहचान कर रहे हैं जिन सिफारिशी लोगों को भर्ती किया जाना था और साथ ही उन योग्य उम्मीदवारों की भी पहचान की जा रही है, जिनके नाम अयोग्य लोगों को समायोजित करने के लिए योग्यता सूची से बाहर कर दिए गए थे.पश्चिम बंगाल में इतना बड़ा घोटाला पहले कभी देखने को नहीं मिला.
साज़िश के सभी पहलू उजागर
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, हमारे अधिकारियों ने इनमें से कई अयोग्य उम्मीदवारों की मूल ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट बरामद की और देखा कि आयोग के सर्वर में उल्लेखित अंक औसतन 50 अंकों से कम थे. साजिश के इन सभी पहलुओं का उल्लेख चार्जशीट में किया गया है।प्रवर्तन निदेशालय ED ने 19 सितंबर को इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था सीबीआई और ईडी दोनों की पहली चार्जशीट में पार्थ चटर्जी का नाम शामिल है.
घोटाले में लेन-देन की तफ्सील
दो आरोपपत्रों में बुनियादी अंतर यह है कि जहां सीबीआई के आरोप पत्र में घोटाले को अंजाम देने के तौर-तरीकों का ब्योरा दिया गया है, वहीं ED की चार्जशीट में पूरे घोटाले में फंड के लेन-देन का विवरण दिया गया है. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, दोनों आरोपपत्रों की सामग्री में पार्थ चटर्जी एक आम कड़ी हैं.CBI के अधिकारी ने जांच की प्रगति का श्रेय WBSSC के अंदरूनी सूत्रों के एक वर्ग को दिया हैं, जिन्होंने घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेजों को एजेंसी तक पहुंचाया. उन्होंने सच्चे व्हिसल ब्लोअर की भूमिका निभाई.पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 31 अक्टूबर 2022 तक पूरा महीना सलाखों के पीछे बिताना होगा.
–आईएएनएस