Bharat Express

UP Politics: “जिन्ना की वजह से नहीं हुआ भारत-पाकिस्तान का बंटवारा…”, स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान, जानें किस पर लगाया आरोप

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है, भारतीय संविधान कहता है कि धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

Swami Prasad Maurya

स्वामी प्रसाद मौर्य (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Politics: अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बार फिर से विवादित बयान सामने आ रहा है. इस बार उन्होंने भारत-पाकिस्तान बंटवारे को लेकर भड़काऊ बयान दिया है और बंटवारे का आरोप हिंदू महासभा पर लगाया है. इसी के साथ वह जिन्ना के पक्ष में खड़े दिखाई दिए हैं. इस सम्बंध में उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह विवादित बयान देते नजर आ रहे हैं. बता दें कि वह लगातार हिंदू धर्म और श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देते आ रहे हैं, जिसका विरोध प्रदेश भर में किया जा रहा है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने ताजा बयान में हिंदू महासभा पर निशाना साधा है और बंटवारे का आरोप लगाते हुए कहा है कि “भारतीय संविधान कहता है कि धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है… अगर कोई हिंदू राष्ट्र की बात करता है, तो दूसरे धर्म के लोग क्यों नहीं कर सकते?” इसी के साथ उन्होंने कहा कि “हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले लोग देश के दुश्मन हैं. हिंदू महासभा ने बहुत समय पहले हिंदू राष्ट्र की बात की थी जिसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान बना.” इसी के साथ उन्होंने जिन्ना का पक्ष लेते हुए कहा कि “भारत और पाकिस्तान का बंटवारा जिन्ना की वजह से नहीं हुआ था, उनका बंटवारा इसलिए हुआ था क्योंकि हिंदू महासभा ने दो राष्ट्रों की मांग की थी.” फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद हंगामा खड़ा होना निश्चित माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: निषाद पार्टी ने शुरू किया महाजनसंपर्क अभियान, संजय निषाद ने पहले की सरकारों पर लगाया गुमराह करने का आरोप

बता दें कि इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य श्रीरामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं और ये भी कहा था कि रामचरित मानस में कुछ चौपाइयां विवादित और जाति सूचक हैं जिसे हटा देना चाहिए या फिर इसे पूरी तरह बैन कर देना चाहिए. इस सम्बंध में उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था और चौपाइयों को बैन करने की मांग की थी. इस मामले में उनके खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज हुआ था. बावजूद इसके वह लगातार सनातन धर्म, ब्राह्मण और देश के खिलाफ बयानबाजी करने में जुटे हैं. तो वहीं उनके इस बयान का तमाम हिंदू संगठन, संत और महंत विरोध कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं. तो वहीं इस पूरे प्रकरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. इसको लेकर कहा जा रहा है कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य इसी तरह हिंदू विरोधी बयानबाजी करते रहे तो आने वाले चुनाव में सपा को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.

 

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read