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कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद की ओर से दायर जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 4 सितंबर को कोर्ट जमानत याचिका पर फैसला सुनायेगा. मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए ने राशिद इंजीनियर की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया है.
राशिद ने हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी. वह पिछले पांच सालों से राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज आतंकी फंडिंग मामले में हिरासत में है. उसने हाल ही में हुए आम चुनावों में बारामुल्ला से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था.
बता दें कि कश्मीरी कारोबारी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान पूर्व विधायक शेख अब्दुल राशिद का नाम सामने आया था. एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को फंड देने के आरोप में वटाली को गिरफ्तार किया था. राशिद को 2017 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब बट्ट उर्फ पीर सैफुल्ला के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए में मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए- मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.
-भारत एक्सप्रेस