
Narendra Modi
ऑपरेशन सिंदूर अभियान के तहत विभिन्न देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल की पीएम मोदी ने मंगलवार शाम को नई दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मेजबानी की. इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सांसद, पूर्व सांसद और राजनयिक थे. जिन्होंने पीएम मोदी से अपने अनुभव साझा किये. हालांकि इस भोज में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मौजूद नहीं थे. जबकि पीएम के साथ प्रतिनिधिमंडल सदस्यों का रात्रिभोज कार्यक्रम पहले से तय था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा का जवाब देने के लिए भारत सरकार ने 50 से अधिक सदस्यों वाले 7 प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा था. जहां उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और विश्व शांति को लेकर भारत की प्रतिबद्धता जाहिर की.
सभी दलों के सांसद प्रतिनिधिमंडल में थे शामिल
बता दें कि, पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत ने 50 से अधिक सदस्यों वाले 7 प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा था. जिसमें सभी दलों के सांसद शामिल थे. इनमें 4 प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनडीए गठबंधन के सांसद कर रहे थे. जिसमें दो बीजेपी, एक जदयू और एक शिवसेना का सांसद शामिल थे. वहीं तीन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विपक्षी दलों के सांसदों ने किया. जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और डीएमके के एक-एक सांसद शामिल थे.
एस जयशंकर पहले ही कर चुके हैं प्रतिनिधिमंडल की तारीफ
विदेशों में पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद पर भारत के रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही इस प्रतिनिधिमंडल की तारीफ कर चुके हैं. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वालों में भाजपा की तरफ से रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जदयू से संजय झा, द्रमुक की कनिमोझी, राकांपा (सपा) सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत शिंदे थे.
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असदुद्दीन ओवैसी भी थे प्रतिनिधिमंडल में शामिल
भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर देश की एकता को दुनिया के सामने लाने के लिए इस प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजा था. जिसमें कांग्रेस के सांसद शशि थरूर से लेकर एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे विपक्षी नेता भी मौजूद रहे. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति की वकालत की.
बता दें कि, 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के द्वारा 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किये. जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे.
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