शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले का दौरा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 अगस्त) को भूस्खलन प्रभावित केरल के वायनाड जिले का दौरा किया. मुख्यमंत्री पिनराई विजय और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद आरिफ मोहम्मद खान के साथ भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से चूरलमाला, मुंडक्कई और पंचिरिमट्टम बस्तियों का हवाई सर्वे करने के बाद पीएम मोदी जिले के कलपेट्टा पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी उनके साथ थे. प्रधानमंत्री मोदी अब राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करेंगे और एक अस्पताल का दौरा करेंगे, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है.
#WATCH | Kerala: Prime Minister Narendra Modi conducts an aerial survey of the landslide-affected area in Wayanad
CM Pinarayi Vijayan is accompanying him
(Source: DD News) pic.twitter.com/RFfYpmK7MJ
— ANI (@ANI) August 10, 2024
मुआवजा बढ़ाने की मांग
बीते 30 जुलाई को वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन के बाद इस पहाड़ी जिले में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी और तमाम लोग अभी भी लापता हैं. पीएम मोदी का यह दौरा विपक्ष की वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और घातक भूस्खलन में प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे को बढ़ाने की मांग के बीच हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूस्खलन में मरने वालों के लिए दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हरसंभव मदद कर रही है. भूस्खलन से प्रभावित लोगों को आश्रय, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें उन्हें घटना और चल रहे राहत प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. भूस्खलन से तबाह हुए लोगों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री का दौरा महत्वपूर्ण है. सत्तारूढ़ गठबंधन (UDF) और विपक्ष ने केंद्र सरकार से 30 जुलाई को हुई भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है, जिसमें वायनाड जिले के चूरलमाला, मुंडक्कई और अट्टामाला इलाके तबाह हो गए थे.
चूरलमाला-मुंडक्कई भूस्खलन में लापता लोगों के शवों की तलाश जारी है. हालांकि कोई नया शव बरामद नहीं हुआ, लेकिन खोज दल ने अलग-अलग जगहों से सात शवों के अंग बरामद किए. आधिकारिक तौर पर 6 अगस्त 2024 तक इस विनाशकारी भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 224 बताई गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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