तमिलनाडु के कलपक्कम में स्वदेशी निर्मित 500 मेगावाट इलेक्ट्रिक प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में ‘कोर लोडिंग’ की शुरुआत देखी. इस दौरान पीएम मोदी ने रिएक्टर वॉल्ट और पीएफबीआर के नियंत्रण कक्ष का दौरा भी किया. भारत अपने परमाणु कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रवेश करने से एक कदम दूर है. जिसे सरकार की ओर से इस कदम को ऐतिहासिक बताया गया है.
रिएक्टर वॉल्ट और पीएफबीआर के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष ए के मोहंती, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक विवेक भसीन और इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक बी वेंकटरमध्स के साथ रिएक्टर वॉल्ट और पीएफबीआर के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया.
यह 500 मेगावाट इलेक्ट्रिक का फास्ट ब्रीडर रिएक्टर भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड ( BHAVINI) द्वारा विकसित किया गया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “कोर लोडिंग के पूरा होने पर, निर्णायक मोड़ के लिए पहला दृष्टिकोण हासिल किया जाएगा, जिससे बाद में बिजली उत्पादन होगा.”
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इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि “आत्मनिर्भर भारत की भावना में, पीएफबीआर को एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ BHAVINI द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है.”
पिछले साल 2.15 करोड़ यूनिट बिजली पैदा की गई थी
बता दें कि भारत 1985 से फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर प्रायोगिक इकाई संचालित कर रहा है. एफबीटीआर को 40 मेगावाट इलेक्ट्रिक पर लगभग 120 दिनों के लिए संचालित किया गया था और पिछले साल 2.15 करोड़ यूनिट बिजली पैदा की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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