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Uttarkhand: बजरंग दल के नेता के खिलाफ दर्ज मामले के विरोध में प्रदर्शन, 400 प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज, जानें क्या है मामला

बीते शुक्रवार (27 सितंबर) को देहरादून के घंटाघर पर सैकड़ो की संख्या में पहुंची भीड़ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सड़क पर बैरिकेड्स और पत्थर रख दिए थे.

Dehradun Clash

प्रदर्शनकारियों पर FIR दर्ज.

उत्तराखंड (Uttarkhand) की देहरादून पुलिस (Dehradun Police) ने लगभग 400 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जो गुरुवार (26 सितंबर) को शहर के रेलवे स्टेशन पर सांप्रदायिक झड़पों और तोड़फोड़ के आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद घंटाघर पर एकत्र हुए थे.

शुक्रवार दोपहर को भी घंटाघर पर भीड़ जमा हो गई, नारेबाजी की और यातायात बाधित किया. कथित तौर पर उन्होंने बजरंग दल के नेता विकास वर्मा के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की मांग करते हुए गुजरने वाले वाहनों के सामने बैरिकेड और पत्थर रख दिए थे.

एफआईआर वापस लेने की मांग

देहरादून कोतवाली के SHO चंद्रभान सिंह अधिकारी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, शुक्रवार दोपहर को अज्ञात व्यक्तियों का एक समूह थाने के बाहर इकट्ठा हुआ और एफआईआर वापस लेने की मांग की. पुलिस द्वारा स्थिति को शांत करने के प्रयासों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों को पलटन बाजार बंद करने के लिए मजबूर किया और घंटाघर की ओर बढ़ गए.

एफआईआर में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने इलाके को अवरुद्ध कर दिया. सड़क पर पत्थर और अवरोधक लगाकर यातायात को बाधित किया, जिससे एंबुलेंस और स्कूली यातायात सहित वाहन प्रभावित हुए. जब ​​भीड़ लगभग 300-400 लोगों तक बढ़ गई, तो अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया.

जहां कई प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया गया, उपद्रवियों के एक समूह ने सड़कों को अवरुद्ध करना जारी रखा और पुलिस और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. बार-बार अनुरोध के बावजूद नाकाबंदी जारी रही और अग्निशमन वाहनों पर भी असर पड़ा. बाद में स्थिति को नियंत्रण में लाया गया और शाम 4:10 बजे के आसपास सड़क को साफ कर दिया गया.


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26 सितंबर को क्यों भड़की थी हिंसा

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात की हिंसा उत्तर प्रदेश के बदायूं के एक युवक और एक नाबालिग लड़की के बीच अंतरधार्मिक संबंध का नतीजा थी. अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यह लड़की बदायूं में लापता हो गई थी और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने उसे ढूंढ निकाला, जिसने देहरादून पुलिस को बुलाया था.

बजरंग दल के नेता विकास वर्मा और आजाद समाज पार्टी के नेता आसिफ कुरैशी के नेतृत्व में दो समुदायों के लोग रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हो गए, जब उन्हें पता चला कि युगल वहां मौजूद है. जल्द ही टकराव बढ़ गया, जिसमें तमाम वस्तुएं फेंकी गईं और खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया.

-भारत एक्सप्रेस

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