घाटी में नए वोटर्स को लेकर सियासी बवाल
जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता बनाने को लेकर आये आदेश के बाद इस पर राजनीतिक पार्टियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने चुनाव आयोग के इस फैसला का स्वागत किया है, जबकि दूसरेे राजनीतिक दल इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. बता दें जम्मू-कश्मीर के चुनाव में बाहरी लोगों के हिस्सा लेनेे पर यहां पर लगभग 25 लाख नए वोटर्स मिलने की संभावना जताई जा रही है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद जम्मू में पिछले 1 साल से रह रहे प्रदेश के बाहरी निवासी भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके सत्ता बनाने और बिगाड़ने में अपना अमूल्य योगदान दे पाएंगे.
खबर है कि जम्मू-कश्मीर में नए वोटरों के लिए जिला चुनाव कार्यालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. मंगलवार को जम्मू में चुनाव अधिकारियों ने तहसीलदारों को एक साल से अधिक समय से शीतकालीन राजधानी में रहने वाले लोगों को आवासीय प्रमाणपत्र जारी करने को कहा था, ताकि मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन में इन लोगों के नाम शामिल हो सके.
नए वोटर्स पर मचा सियासी बवाल
जम्मू कश्मीर के चुनावों में बाहरी मतदाताओं के शामिल होने वाले फैसले पर अब सियासी बवाल मच गया है. बीजेपी को छोड़कर सभी पार्टियां इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रही हैं. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष वकार रसूल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मौजूदा एलजी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से नई शराब नीति लाकर यहां के युवाओं को नशे की लत लगाने की ओर सरकार अग्रसर है, हम ऐसी नीति का विरोध करते हैं. रसूल ने चुनाव अधिकारियों पर बीजेपी का साथ देने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा है कि, बीजेपी प्रदेश में 50 प्लस का नारा दे रही है. जिनका साथ यहां के चुनाव अधिकारी भी दे रहे हैं.
जबकि कांग्रेस के ही रविंदर शर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए जम्मू में उसकी मंशा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने घाटी में बाहरी मतदाताओं के शामिल होने पर कहा है कि, मुख्य चुनाव अधिकारियों ने जब 25 लाख नए वोटर्स के शामिल करने का ऐलान किया था तभी मुझे यह बात अच्छे से समझ में आ गई थी कि अब बीजेपी प्रदेश में क्या करने वाली है और इसके पीछे उसकी क्या मंशा है.
-भारत एक्सप्रेस
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