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NDA में बढ़ी दरार! कैबिनेट बैठक से दो बार गैरहाजिर रहे शिंदे…

महाराष्ट्र में सियासी टकराव बढ़ता जा रहा है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दूसरी बार कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया है. यह मीटिंग कई अहम प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. शिंदे के इस कदम से महाराष्ट्र में सियासी टकराव और बढ़ सकता है.

Deputy CM Eknath Shinde

डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे.

महाराष्ट्र की राजनीति में उठा पटक का दौर थमता नहीं दिख रहा है. शिवसेना (UBT) के मुखपत्र सामना में दावा किया गया था कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे कैबिनेट मीटिंग में नहीं जाते हैं. सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है. अब इस खबर में कुछ सच्चाई के संकेत भी मिलने लगे हैं. ऐसा दूसरी बार हुआ है जब डिप्टी सीएम शिंदे कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. यह बैठक कुछ अहम प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. इसमें हिस्सा लेने के लिए अजित पवार तो पहुंचे, लेकिन शिंदे शामिल नहीं हुए थे.

मीटिंग में नहीं पहुचें एकनाथ शिंदे

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठक में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा होनी थी. और हाउसिंग से संबंधित मंत्रालय एकनाथ शिंदे के पास ही है, लेकिन एकनाथ शिंदे इस मीटिंग में नहीं आए. हालांकि, शिंदे गुट की तरफ से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने मीटिंग अटेंड किया. बताया जाता है कि पिछले हफ्ते की कैबिनेट बैठक में भी एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे थे. अब उनके दूसरी बार ऐसा करने पर सवाल उठने लगे हैं. महाराष्ट्र में NDA सरकार के भीतर टकराव की खबरें बढ़ती जा रही हैं,

CM न बनने का मलाल एकनाथ शिंदे को

एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री थे, लेकिन 2022 में उन्होंने दर्जनों विधायकों को तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था. उन्होंने राज्य में एनडीए की सरकार बनवाई थी, और फिर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनना पड़ा था.

महाराष्ट्र में महायुति (BJP-UBT-NCP) गठबंधन सरकार का हिस्सा है. एकनाथ शिंदे की तरफ से चल रहा तनाव कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव के बाद कहा जाता है कि वह दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. इसके लिए कई दिनों तक उन्होंने सियासी उठापटक भी की थी. यहां तक कि वह बीमार भी पड़ गए और मौन धारण कर लिया था, लेकिन कहा जाता है कि बीजेपी ने सीएम पद पर उनके दावे को सिरे से खारिज किया.

एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला तो कहा जाता है कि पहले ही हो चुका था, लेकिन सीएम नहीं बन पाने का मलाल माना जाता है कि उनके मन में अभी भी है. बाद में पता चला कि वह कम से कम गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी चाह रहे हैं, लेकिन यह अहम पद भी बीजेपी ने उन्हें देने से इनकार किया.


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-भारत एक्सप्रेस



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