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BrahMos: रक्षा क्षेत्र में दुनिया ने माना भारत का लोहा, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की बढ़ी डिमांड, देश कुछ दिनों में ही करने लगेगा एक्सपोर्ट

भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए ग्राउंड सिस्टम का निर्यात शुरू कर देगा.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल

BrahMos: भारत की ताकत का लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु की भूमिका में आ जाएगा. देश न केवल आज अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. भारत में बनी चीजों की मांग दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. वहीं भारत में बनी मिसाइलों की डिमांड आज दुनिया के कई देशों से आ रही है.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारत करेगा निर्यात

भारत अगले 10 दिनों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए ग्राउंड सिस्टम का निर्यात शुरू कर देगा, जबकि सिस्टम की मिसाइलें इस साल मार्च तक भेजी जाएंगी, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने आज गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का पहला सेट मार्च के अंत तक फिलीपींस पहुंचने की उम्मीद है. कामत ने कहा, “अगले 10 दिनों में जमीनी प्रणालियां भेज दी जानी चाहिए, उम्मीद है कि मिसाइलें मार्च तक (फिलीपींस) चली जाएंगी.”

फिलीपींस के साथ सबसे बड़ा रक्षा निर्यात अनुबंध

फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात भारत द्वारा किसी भी विदेशी देश के साथ हस्ताक्षरित अब तक का सबसे बड़ा रक्षा निर्यात अनुबंध है. भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के तट-आधारित एंटी-शिप संस्करण की आपूर्ति के लिए जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

निर्यात में बढेगी रक्षा क्षेत्र की हिस्सेदारी

अपने साक्षात्कार में, डीआरडीओ अध्यक्ष ने कहा कि निर्यात रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में निर्यात हमारे पोर्टफोलियो का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है.” डीआरडीओ के शीर्ष अधिकारी ने कहा, “अब तक, हमारे बहुत सारे पतवार पर लगे सोनार, हल्के टारपीडो, हमने रडार का निर्यात किया है, अब पिनाका में भी हमारी बहुत रुचि है.”

तेजी से हो रहा विकास

उन्होंने कहा कि “डीआरडीओ द्वारा विकसित लगभग 4.94 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों को या तो रक्षा में शामिल किया गया है या रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) से आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्राप्त हुई है. विकास अब पहले की तुलना में बहुत तेजी से हो रहा है. मेरा अनुमान है कि 60 प्रतिशत या 70 प्रतिशत से अधिक उत्पाद पिछले 5-7 वर्षों में शामिल किए गए हैं. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे यह दर नाटकीय रूप से बढ़ने वाली है.”

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है. दुनिया के सबसे अच्छे और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार के रूप में, ब्रह्मोस ने 21वीं सदी में भारत की निवारक शक्ति को मजबूत किया है. भारत-रूस संयुक्त उद्यम इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा डिजाइन और विकसित, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अपनी शैली में सबसे बहुमुखी हथियार के रूप में विकसित हो रही है. मिसाइल के अगली पीढ़ी के संस्करण में छोटे, हल्के और अधिक स्मार्ट आयाम हैं जिन्हें व्यापक संख्या में आधुनिक सैन्य प्लेटफार्मों पर तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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