संसद (फोटो फाइल)
Parliament Session: अडानी-हिंडनबर्ग मामले और ब्रिटेन में राहुल गांधी के दिए बयान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया. सत्ता पक्ष राहुल गांधी से उनके बयान के लिए माफी की मांग कर रहा था, जबकि विपक्ष अडानी के मामले पर जेपीसी जांच की मांग कर रहा था. इस हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
पिछले कई दिनों से सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण बाधित होती रही है. एक तरफ, सत्ता पक्ष राहुल गांधी के विदेश में दिए बयान को देश का अपमान बता रहा है और उनसे माफी की मांग कर रहा है, वहीं राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वे अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे. दूसरी तरफ, अडानी मामले पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है. इस गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई है.
अडानी मामले पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “13 मार्च से जो ड्रामा चल रहा है, वो बिना प्रधानमंत्री के इशारे के नहीं हो सकता. आज एक बार फिर संसद को चलने नहीं दिया गया. हम क्या मांग रहे हैं? आजादी के बाद सबसे बड़े घोटाले की सिर्फ एक जेपीसी जांच.”
राम गोपाल यादव ने साधा निशाना
वहीं इस मुद्दे पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि उन्हें(BJP) डर है कि अगर जेपीसी जांच होगी तो अडानी और केंद्र सरकार के बीच की सांठगांठ का पर्दाफाश हो जाएगा और असली अपराधी लोगों के सामने आ जाएगा.
सदन में भाकपा के बिनय विश्वम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इलामारम करीम ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिए थे. जबकि, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अडानी ग्रुप से जुड़े मामले की जांच कराने की मांग पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था. वहीं शक्ति सिंह गोहिल ने गुजरात के ठग किरण जे पटेल को दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा को लेकर चर्चा के लिए नोटिस दिया था. इस मुद्दे पर भी सदन में जमकर हंगामा हुआ.
-भारत एक्सप्रेस