
कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल-थानी का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका सम्मान किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. अमीर अल-थानी ने भारत के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात की.
बाद में हैदराबाद हाउस में अमीर अल-थानी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, मनसुख मंडाविया और पीके मिश्रा मौजूद रहे. दोनों देशों ने व्यापार, तकनीक और निवेश को लेकर कई अहम समझौते किए. इसके अलावा, कतर के अमीर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. उनके सम्मान में राष्ट्रपति भवन में विशेष भोज का आयोजन किया गया.
PM मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर किया स्वागत
अमीर अल-थानी 17 फरवरी की रात भारत पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें रिसीव करने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे. कतर के अमीर दो दिन की भारत यात्रा पर आए हैं.
यह अमीर अल-थानी की दूसरी भारत यात्रा है. इससे पहले वे मार्च 2015 में भारत आए थे. इस दौरे का मकसद भारत-कतर के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है.
दोनों देशों के बीच दिल्ली में 2 समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल-थानी भी मौजूद रहे. दोनों ने भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच (Joint Trade Forum) की शुरुआत की.
भारत के लिए कतर क्यों अहम?
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी के बाद यूरोप और मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ सकती है. ट्रम्प के फैसले अप्रत्याशित हो सकते हैं, खासकर ईरान पर प्रतिबंध लगाने के मामले में.
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करने के लिए कतर को एक भरोसेमंद विकल्प मान रहा है. भारत को 50% LNG (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) कतर से मिलती है. 30% LPG (रसोई गैस) भी कतर से आता है.
कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, कतर में 15,000 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें लार्सन एंड टुब्रो, टीसीएस और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. कतर में 8.35 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षा, वित्त और श्रम जैसे क्षेत्रों में अहम योगदान दे रहे हैं.
2022 में भारत और कतर के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे. इसकी वजह BJP की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा की एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी थी. कतर ने भारत सरकार से आधिकारिक माफी की मांग की थी और इस पर नाराजगी जताई थी.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.