नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्र नाथ टैगोर का घर शांतिनिकेतन यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया.
Santiniketan World Heritage Site: पश्चिम बंगाल में स्थित एक और भारतीय धरोहर को यूनेस्को (UNESCO) ने वर्ल्ड हैरिटेज की लिस्ट (विश्व विरासत सूची) में शामिल कर लिया. केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि शांति निकेतन को एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार निकाय द्वारा यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल करने की सिफारिश की गई है.
बता दें कि जहां शांति निकेतन है, उसी स्थान पर भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती का निर्माण किया था. यहां उनका घर भी था. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को टैग दिलाने के लिए भारत लंबे समय से प्रयास कर रहा था. आज यूनेस्को ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडिल पर पोस्ट करके इसे यूनेस्को टैग दे दिया.
यूनेस्को ने ट्वीट में लिखा- “यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में नया शिलालेख: शांतिनिकेतन, भारत बधाई हो!” इसके साथ ही शांतिनिकेतन की एक तस्वीर भी पोस्ट की गई.
🔴BREAKING!
New inscription on the @UNESCO #WorldHeritage List: Santiniketan, #India 🇮🇳. Congratulations! 👏👏
➡️ https://t.co/69Xvi4BtYv #45WHC pic.twitter.com/6RAVmNGXXq
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) September 17, 2023
बताया जाता है कि शांति निकेतन की स्थापना एक आश्रम के तौर पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (ठाकुर) के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में 07 एकड़ जमीन पर की थी. जहां बाद में रवींद्रनाथ टैगोर ने इस विश्वविद्यालय को स्थापित किया और इसे विज्ञान के साथ कला और संस्कृति की पढ़ाई का उत्कृष्ट केंद्र बनाया.
कहा जाता है कि रबींद्रनाथ टैगोर ने आजादी से 45 साल पहले 1901 में केवल 05 छात्रों के साथ इसकी शुरुआत की थी. 1921 में इसे राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और आज यहां 6 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन करते हैं.
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हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर केंद्र की सलाहकार संस्था ICOMOS (आईसीओएमओएस)ने शांतिनिकेतन को विश्व विरासत सूची में शामिल करने की सिफारिश की. घोषणा होने के बाद उन्होंने कहा- ‘ये देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’
— भारत एक्सप्रेस
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