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Rajasthan Election 2023: राजस्थान कांग्रेस के ये दिग्गज नेता नहीं लड़ेंगे चुनाव, इस वजह से लिया फैसला

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज है. इस बीच खबर आई है कि कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री भरत सिंह के बाद अब पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने चुनाव लड़ने से ऐलान किया है.

पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत

पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज है. इस बीच खबर आई है कि कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री भरत सिंह के बाद अब पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. शेखावत सीकर जिले के श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. शेखावत सचिन पायलट के बेहद करीबी माने जाते हैं. अशोक गहलोत के खिलाफ पायलट के साथ हमेशा खड़े रहे हैं शेखावत.

युवाओं को मौका देने के लिए लिया फैसला: दीपेंद्र सिंह शेखावत

शेखावत ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि राहुल गांधी का मानना है कि अब कांग्रेस में युवा आगे आए. वो चाहते हैं कि शिर्ष पदों पर युवा बैठें. फिलहाल दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा है. इससे पहले प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने भी कहा था, “अब बुजुर्ग नेताओं को चुनाव न लड़ने के लिए खुद ही ऐलान करना चाहिए. इसी हमने अब फैसला किया है कि चुनाव नहीं लड़ेंगे और युवाओं को मौका देंगे.

इतना ही नहीं शेखावत ने आगे कहा, ” राजनीति में भी उम्र की सीमा तय करने का समय आ गया है. अंतिम सांस तक कोई राजनीति करता रहे और युवाओं को मौका ही न मिले. ये ठीक नहीं है. कांग्रेस अब युवाओं को मौका देने पर जोर दे रही है. मेरे से पहले वैसे भी कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री भरत सिंह और अमीन खान चुनाव न लड़ने की बात कह चुके हैं.

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अशोक गहलोत के विरोधी रहे हैं शेखावत

बता दें कि 2020 में अशोक गहलोत के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर पायलट के बाद दीपेंद्र सिंह शेखावत ही थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने क्यों गहलोत का विरोध किया था. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जिस तरह से भ्रष्‍टाचार हावी था, उसके बारे में सभी साथी विधायकों ने प्रियंका गांधी को बताया था. उन्होंने हमे अश्वासन दिया था कि समय रहते सब ठीक किया जाएगा. बताते चले कि इस साल ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. सत्तारूढ़ कांग्रेस का मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा से होने की संभावना है. वहीं धीरे-धीरे बढ़ रही आम आदमी पार्टी भी अब राज्य में चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है.

-भारत एक्सप्रेस

 

 



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