दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र कोचिंग सेंटर हादसे के दौरान 3 छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार बेसमेंट के सभी चारों सह मालिकों को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 30 जनवरी तक अंतरिम जमानत दिया है. कोर्ट ने चारों को अंतरिम जमानत देते हुए 5 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह राशि को रेड क्रॉस सोसाइटी के खाते में जमा करने को कहा है. कोर्ट ने 12 सितंबर को चारों की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने अंतरिम जमानत देते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करें. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कोचिंग सेंटर नियमों उल्लंघन करते हुए न चले. कोर्ट ने कहा कि सरकार कोचिंग सेंटर के लिए एक जगह का चयन करें ताकि वहां से कोचिंग सेंटर चल सके. कोर्ट ने 12 सितंबर को चारों की ओर से दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा था कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि मौजूदा मामला कोई साधारण मामला नहीं है. जिन छात्रों की मौत हुई है उसमें उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और नेविन डेलविन शामिल है. 23 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चारों की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. निचली अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जांच अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए अभी जमानत देना सही नहीं होगा.
सीबीआई ने चारों आरोपियों परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की ओर से दायर जमानत याचिका का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि बेसमेंट ही अवैध तरीके से बनी हुई थी. वहीं सह मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि तीनों छात्रों की मौत एक दैवीय घटना थी, नगर निगम ने अगर अपने कर्तव्यों का पालन किया होता तो इसे टाला जा सकता था.
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-भारत एक्सप्रेस
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