
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने अमेरिकी धरती पर भारतीय हितों के खिलाफ सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को उठाया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को हुई इस बैठक में मंत्री ने खालिस्तानी संगठन एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) की भारत विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की. एसएफजे को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने के कारण देश में प्रतिबंधित कर दिया गया है.
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारत ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी प्रशासन से इस गैरकानूनी संगठन के खिलाफ सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया.
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय चर्चा की, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को मजबूत करना था. बैठक में दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की गई.
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, “नई दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मिलकर खुशी हुई. हमने रक्षा और सूचना साझाकरण समेत कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसका लक्ष्य भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करना है.”
तुलसी गबार्ड, जो भारत की अपनी ढाई दिन की यात्रा पर आई थीं, ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की. डोभाल और गबार्ड के बीच बैठक में मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई.
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) एक अमेरिकी संगठन है जो भारत से अलग ‘खालिस्तान’ राज्य की स्थापना की वकालत करता है. इसकी स्थापना 2007 में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी. भारत सरकार ने 2019 में इस संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगा दिया था, और इसे आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला संगठन घोषित किया गया.
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-भारत एक्सप्रेस
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