
Telagana Reservation Increased: तेलंगाना विधानसभा ने सोमवार को शैक्षणिक संस्थानों, रोजगार और ग्रामीण तथा शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के लिए दो विधेयक पारित किए. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधेयकों का समर्थन करने के लिए सभी दलों के सदस्यों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे पिछड़े वर्गों (BCs) को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए संसद की मंजूरी सुनिश्चित करने के प्रयास का नेतृत्व करेंगे (क्योंकि पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कोटा पर 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करेगा).
उन्होंने प्रस्ताव दिया कि पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के लिए सभी दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलें. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, बंदी संजय कुमार और भाजपा विधायकों से प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने में मदद करने का आग्रह किया.
डेटा न होने के कारण कोर्ट ने आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत की
सीएम रेड्डी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात करने का प्रस्ताव रखा और उनसे विधेयकों को केंद्र की मंजूरी दिलाने के प्रयास के तहत संसद में इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने दावा किया कि जनसंख्या के बारे में कोई डेटा न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लगा दी.
रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने देश में पहली बार पारदर्शी जाति सर्वेक्षण कराया है, जिसमें पता चला है कि पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 56.36 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले सभी दलों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि विधेयकों को चालू सत्र के दौरान ही संसद की मंजूरी मिल जाए.
उन्होंने कहा कि सरकार 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा घोषित ‘बीसी घोषणा’ के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसमें स्थानीय निकायों में पिछड़ी जातियों कोटा 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का वादा किया गया है, इसके अलावा सरकारी नागरिक निर्माण और रखरखाव अनुबंधों में 42 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के लिए संकल्पबद्ध है.
Telangana is proud to lead the social revolution in #India
It is my honour to announce the longest pending demand of the subaltern groups since Indian Independence, the yearning of our brothers & sisters belonging to the Backward Castes, on being counted & recognised in an…
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) March 17, 2025
आजादी के बाद से लंबित मांग अब पूरी हुई
सीएम रेड्डी ने कहा कि राज्य में किए गए जातिगत सर्वेक्षण के आधार पर राज्य में पिछड़े वर्गों की जनसंख्या 56.36 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, “यह घोषणा करते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि भारतीय स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े समूहों की सबसे लंबे समय से लंबित मांग, पिछड़ी जातियों से संबंधित हमारे भाइयों और बहनों की आधिकारिक जनगणना में गिनती और मान्यता की इच्छा – आखिरकार पूरी हो गई है.”
उन्होंने कहा, “हम अब जीवन के सभी क्षेत्रों – शिक्षा, नौकरी और रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में इस समूह के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का संकल्प ले रहे हैं.”
-भारत एक्सप्रेस
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