फोटो-सोशल मीडिया
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को अपने जन्म स्थान पर विराजमान होने जा रहे रामलला को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल दिखाई दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों जहां एक ओर रामलला की मंदिर के गर्भगृह में स्थापना हो रही होगी, तो दूसरी ओर नोएडा के बिसरख में मौजूद लंका के रावण के मंदिर में भी भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजेंगे. मान्यता है कि रावण का जन्म स्थान नोएडा की बिसरख क्षेत्र है. इसलिए यहां पर रावण को समर्पित एक मंदिर बना हुआ है. यहां पर भी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है. 22 जनवरी को यहां अखंड रामायण का पाठ होगा और इस मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसी के साथ इस मंदिर में राम के साथ ही लंकापति भी विराजमान होंगे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा के बिसरख में लंकापति रावण के इस मंदिर में भगवान शिव, पार्वती और कुबेर की मूर्तियां भी स्थापित हैं. रावण मंदिर के पुजारी महंत रामदास ने मीडिया को जानकारी दी कि, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन बिसरख के इस मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. 14 जनवरी से ही मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जाएगा. इस दौरान अखंड रामायण से लेकर सुंदरकांड व अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे. इसी के साथ ही भंडारे का आयोजन किया जाएगा और भक्तों को मिठाई भी वितरित की जाएगी. महंत ने बताया कि, मंदिर में होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर गांव का हर व्यक्ति उत्साहित है. महंत ने बताया कि, रावण की जन्म स्थली बिसरख में जन्म पाकर यहां के लोग खुद को धन्य मानते हैं. महंत कहते हैं कि, अगर रावण नहीं होता, तो राम नहीं होते.
रात में भी नहीं बंद होता है यह मंदिर
महंत रामदास ने बताया कि, भगवान राम ने अवतार नहीं लिया होता तो किसी को भी रावण के बारे में पता नहीं चलता. दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि, रात में भी यह मंदिर बंद नहीं होता है. यहां आने वाले भक्त भगवान शिव, कुबेर और यहां तक कि रावण की भी पूजा करते हैं.
राम दरबार की होगी प्राण-प्रतिष्ठा
महंत ने जानकारी दी कि, 22 जनवरी को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस तरह से रावण के मंदिर में भगवान राम भी विराजमान होंगे. यहां पर भगवान राम के साथ ही माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके लिए तैयारी जोरों पर हैं. महंत ने बताया कि वैसे मंदिर में भगवान शिव की अष्टभुजी मूर्ति है. उन्होंने आगे बताया कि, मान्यता है कि इसी शिव की मूर्ति की रावण पूजा अर्चना किया करता था, लेकिन अब इस मंदिर में राम भी विराजेंगे. कार्यक्रम को देखते हुए मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जा रहा है. यह फूल कोलकाता से मंगाए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस