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मराठा, जाट, सिख… जानें कौन हैं रामलला के मुख्य यजमान, देश के सभी वर्गों को मिला प्रतिनिधित्व

Who is 14 yajman of Ram Lala Pran Prathistha: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कुल 14 यजमान बनाए गए हैं. इसमें चारों दिशाओं और सभी वर्गों के लोगों को प्रतिनिधित्व मिला है.

Who is 14 yajman of Ram Lala Pran Prathistha

आज होगी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा.

Who is 14 yajman of Ram Lala Pran Prathistha: अयोध्या में आज आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 14 लोगों को यजमान बनाया गया है. ये सभी सपत्नीक इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यक्रम के लिए चारों दिशाओं से यजमान बनाए गए हैं. यजमान बनाते समय यह भी ध्यान रखा गया कि भारत के सभी वर्गों के लोगों को प्रतिनिधित्व मिले. जानकारी के अनुसार ट्रस्ट ने इस बात का पूरा ध्यान रखा क्योंकि श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई कि तब उन्होंने जो सेना बनाई थी उसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व था. श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने 14 यजमानों की लिस्ट जारी की है. हालांकि मुख्य यजमान मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डाॅ. अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्र होंगी.

रामचंद्र खराड़ी- आरएसएस के अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष हैं. इनका जन्म राजस्थान के उदयपुर में 15 जनवरी 1955 को हुआ. ये भील जनजाति से आते हैं और प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं. 2014 में वीआरएस लेकर संगठन से जुड़े थे.

कृष्ण मोहन- यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले हैं. लंबे समय से संघ से जुड़े हैं. संगठन में कई पदों पर रहे हैं. फिलहाल अवध प्रांत के संघचालक हैं. वह रविदासी समाज से आते हैं.

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गुरुचरण सिंह गिल- गुरुचरण सिंह बयाना के रहने वाले हैं. श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे. फिलहाल राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष हैं. गुरुचरण 2009 से इस संगठन के अध्यक्ष हैं.

अनिल चौधरी- अनिल चौधरी काशी के डोमराजा जगदीश चौधरी के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 2019 में पीएम मोदी ने काशी ने नामांकन दाखिल किया था तब यह प्रस्तावक बने थे. फिलहाल काशी में हरिश्चंद्र घाट की देखरेख करते हैं.

कवींद्र प्रताप सिंह- विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं. कांशी प्रांत के अध्यक्ष हैं. कवींद्र सोनभद्र के रहने वाले हैं और भारतीय पुलिस सेवा में आईजी के पद से रिटायर हुए हैं. कुंभ मेले के दौरान अयोध्या में तैनात रहे हैं.

महादेव गायकवाड़ – महाराष्ट्र के लातुर के रहने वाले हैं और घुमंतू समाज के ट्रस्टी हैं. कई वर्षों से सामाजिक कार्यों में लगे हैं. घुमंतू जनजातियों को मुख्यधारा में में लाने के काम में जुटे हैं.

दिलीप वाल्मीकि- दिलीप वाल्मीकि लखनऊ के रहने वाले हैं और वाल्मीकि मंदिर और पार्क समिति के सरंक्षक हैं. नगर निगम में सैनेटरी सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए हैं.

अरुण चौधरी- हरियाणा के पलवल निवासी है. अरुण चौधरी को जेलदार के नाम से भी जाना जाता है. जाट समाज से आते हैं. अरुण लंबे समय से संघ से जुड़े हैं.

लिंगराज बसवराज अप्पा- कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के रहने वाले हैं. लिंगराज विश्व हिंदू परिषद के उत्तरी कर्नाटक के अध्यक्ष हैं. भाजपा और संघ परिवार से जुड़े हैं. वीरशैव समुदाय से आते हैं.

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विट्ठलराव कांबले- विट्ठलराव आरएसएस से जुड़े हैं. कोंकण प्रांत से जुड़े हैं. चेंबूर एजुकेशन सोसायटी में 35 साल सेवाएं दे रहे हैं. पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं.

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