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Ramcharitmanas: बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य के बयान से धर्मसंकट में पार्टी, प्रदेश अध्यक्ष बोले- उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए

रामचरितमानस पर विवादित पर बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने पार्टी को धर्मसंकट में खड़ा कर दिया है. अब उनके खिलाफ एक्शन की मांग हो रही है.

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बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी

Ramcharitmanas: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर राजनीति गरमाई हुई है. पूर्व मंत्री और सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य ने बीजेपी के लिए धर्मसंकट बढ़ा दिया है. बदांयू से बीजेपी सांसद संघमित्रा अपने पिता स्वामी प्रसाद के बचाव में उतर आई हैं. उन्होंने अपने पिता के रामचरितमानस वाले बयान का समर्थन किया है.

बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने अपने पिता स्वामी प्रसाद के बयान पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पिता जी ने रामचरितमानस पढ़ा है. हालांकि मेरी इस संबंध में उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है. लेकिन, उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है. संघमित्रा यहीं नहीं रुकिं, उन्होंने आगे कहा कि पिता जी ने उस लाइन को संदेह की दृष्टि से उद्धत करके स्पष्टीकरण मांगा तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए. यह विषय मीडिया में बैठ कर बहस करने का नहीं है. हमें लगता है कि यह विश्लेषण का विषय है.

सांसद संघमित्रा मौर्य के बयान से विपक्ष ने बीजेपी को घेरा, तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसपर सफाई दी. उन्होंने कहा कि इस बात पर पार्टी का स्टैंड एकदम साफ है. राम और रामचरितमानस करोड़ों भारतीयों की आस्था का विषय है. हमारी जो धार्मिक आस्था है जो परंपरा है, हम उस आस्था और परंपरा के साथ हैं. इस तरह का बयान उन्हें नहीं देना चाहिए.

उधर, यूपी की योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव में एक साल का वक्त है, इसलिए अब संघमित्रा मौर्य को निर्णय लेना पड़ेगा कि वो पार्टी के साथ खड़ी हैं या फिर पिता के साथ.

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गौरतलब है कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या बीजेपी छोड़ कर सपा में शामिल हो गए थे. चुनाव के दौरान जब स्वामी प्रसाद पर हमला हुआ था तो खुद संघमित्रा अपने पिता के बचाव में मैदान में डंडे के साथ पहुंच गई थीं.

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