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Ratan Tata का जीवन परिचय, जानें जन्म से लेकर निधन तक की पूरी कहानी

Ratan Tata Biography: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया. उन्होंने टाटा समूह का हिस्सा रहते हुए समूह को बुलंदियों पर पहुंचाया.

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रतन टाटा पूरा जीवन परिचय.

Ratan Tata Complete Biography In Hindi: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार, 9 अक्टूबर को निधन हो गया. उम्र संबंधी परेशानियों की वजह से उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उन्होंने टाटा समूह का हिस्सा रहते हुए समूह को बुलंदियों पर पहुंचाया. उनके निधन पर राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. आइए अब जानते हैं रतन टाटा के जीवन के बारे में.

28 दिसंबर 1937 में हुआ था जन्म | Ratan Tata Birth

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था. वह नवल टाटा और सूनी कमिसारिएट के पुत्र थे. कहते हैं कि जब रतन टाटा 10 वर्ष के थे तब वे दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उन्हें उनकी दादी नावाजबाई टाटा ने एक अनाथालय से उन्हें गोद लिया. रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के पुत्र) के साथ हुआ.

रतन टाटा की शिक्षा | Ratan Tata Education

रतन टाटा की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने कैंपियन स्कूल, मुंबई, कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, बिशप कॉटन स्कूल, शिमला और रिवरडेल कंट्री स्कूल, न्यूयॉर्क शहर में शिक्षा ग्रहण की. इसके अलावा वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र रहे.

रतन टाटा कब बने टाटा संस के अध्यक्ष

साल 1991 में जेआरडी टाटा (JRD TATA) ने टाटा संस (TATA Sons) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उन्होंने टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया. तब उन्हें कई कंपनियों के प्रमुखों से प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ा. टाटा संस के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित की. साथ ही प्रत्येक कंपनी के लिए समूह कार्यालय में रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया.

रतन टाटा अपने 21 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राजस्व 40 गुना से अधिक और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा दिया. उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील को कोरस का अधिग्रहण करने में अहम योगदान दिया. उनके योगदान की वजह से टाटा समूह वैश्विक व्यवसाय में बदल गया. इतना ही नहीं टाटा नैनो कार की संकल्पना उन्होंने ही तैयार की थी.

रतन टाटा ने अपनी 75 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद साइरस मिस्त्री को उनका उत्तराधिकारी नामित किया गया. निदेशक मंडल और कानूनी प्रभाग ने 24 अक्टूबर 2016 को उन्हें हटाने के लिए मतदान किया, जिसके बाद रतन टाटा को समूह का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया.

रतन टाटा के सराहनीय कार्य | Ratan Tata Commendable Work

रतन टाटा चिकित्सा, शिक्षा, ग्रामीण विकास के पुरजोर समर्थक थे. इसके अलावा उन्होंने चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बेहतर जल उपलब्ध कराने के लिए न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय को सहयोग दिया. शिक्षा और विकास ट्रस्ट ने 28 मिलियन डॉलर का टाटा छात्रवृत्ति कोष प्रदान किया था, जिससे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के छात्रों को वित्तीय सहायता मिली. साथ ही साथ टाटा समूह की कंपनियों और टाटा चैरिटीज ने साल 2010 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को एक कार्यकारी केंद्र के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था.

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने संज्ञानात्मक प्रणालियों और स्वचालित वाहनों पर शोध हेतु कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) को 35 मिलियन डॉलर का दान दिया था. यह किसी कंपनी द्वारा दिया गया अब तक का सबसे बड़ा दान है.

टाटा समूह ने 2014 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे को 950 मिलियन डॉलर का ऋण दिया गया और टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन का गठन किया गया. यह संस्थान के इतिहास में अब तक प्राप्त सबसे बड़ा दान था.

टाटा ट्रस्ट ने भारतीय विज्ञान संस्थान, न्यूरोसाइंस सेंटर को अल्जाइमर रोग के कारणों का अध्ययन और उपचार के लिए 750 मिलियन डॉलर का अनुदान भी दिया.

रतन टाटा की पत्नी | Ratan Tata Wife

रतन टाटा ने साल 2011 में कहा था, “मैं चार बार शादी करने के करीब पहुंचा, लेकिन हर बार डर के कारण या किसी न किसी कारण से मैं पीछे हट गया.” बताया जाता है कि लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया और उन्हें भारत लौटना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके परिवार का एक सदस्य बीमार था. लड़की के माता-पिता ने उसे भारत जाने की अनुमति नहीं दी. टाटा अपने संकल्प पर अडिग रहे और जीवनभर अविवाहित रहे.

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