आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में कोलकाता के एस्प्लेनेड में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 12वें दिन भी जारी रहा. एस्प्लेनेड स्थित मंच पर भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की कुल संख्या अब सात हो गई है. अखिल भारतीय स्वच्छता एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान की रूमेलिका कुमार और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के स्पंदन चौधरी भी अब इस भूख हड़ताल में शामिल हो गए हैं.
इस बीच, दुर्गा पूजा समाप्त होने के साथ ही इस घटना पर जारी विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कोलकाता पुलिस ने उत्तरी कोलकाता में आर.जी. कर कॉम्प्लेक्स के आसपास प्रोहिबिटरी ऑर्डर (निषेधाज्ञा) को 30 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है, जिसके तहत उस पूरे क्षेत्र में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 को श्यामबाजार फाइन-पॉइंट क्रॉसिंग, ताला, श्यामपुकुर और उल्टाडांगा सहित अन्य क्षेत्रों में लागू कर दिया गया है.
निषेधाज्ञा बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने कहा कि इस तरह के दमनकारी फैसले सही नहीं है. इस जघन्य बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सिर्फ कोलकाता या पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है, यह एक राष्ट्रीय मामला बन गया है.
5 अक्टूबर की शाम से शुरू हुई भूख हड़ताल में भाग लेने वाले अब तक पांच जूनियर डॉक्टरों को उनकी तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के एक प्रतिनिधि के अनुसार, विरोध आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जूनियर डॉक्टरों के निकाय ने बताया कि जो लोग 5 अक्टूबर की शाम से ही भूख हड़ताल पर हैं, उनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है.
इस बीच, अभिनेत्री एवं फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन और शिक्षाविद पवित्रा सरकार जैसे नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने पश्चिम बंगाल सरकार से जूनियर डॉक्टरों की मांगों के प्रति अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और जारी गतिरोध को हल करने के लिए चर्चा शुरू करने की अपील की है.
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-भारत एक्सप्रेस