AI-सक्षम रोबोटिक ट्रैश बोट (फोटो- सोशल मीडिया)
गोमती नदी की सफाई के काम में अब तेजी आएगी. सफाई का काम को जल्द से जल्द करने के लिए सेंटर फॉर इनोवेशन पॉलिसी एंड सोशल चेंज (CIPSC) के विशेषज्ञों द्वारा एक बोट तैयार की गई है. यह एक AI-सक्षम रोबोटिक ट्रैश बोट है. जिसका मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के समक्ष गौघाट में संचालन किया गया. 30 दिनों के ट्रायल पीरियड के बाद रोबोटिक बोट को लखनऊ नगर निगम को सौंप दिया जाएगा.
शून्य-कार्बन उत्सर्जन वाली नाव
CIPSC की निदेशक करिश्मा सभरवाल ने कहा कि स्वदेश निर्मित स्वचालित रोबोटिक नाव शून्य-कार्बन उत्सर्जन वाली नाव है, जो सौर ऊर्जा से संचालित होती है. “नाव में एक फ्रंट फेसिंग कैमरा है जो पानी में प्लास्टिक जैसे अन्य कचरे का पता लगाता है और एकत्र करता है. सभरवाल ने कहा,नाव में छोटा जाल नदी के कचरे के न्यूनतम हिस्से को बाहर निकालने में सक्षम है, जो नाव के कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से पीछे के भंडारण में एकत्र हो जाता है.
भंडारण क्षमता 200 किलोग्राम
वर्तमान में नाव की पिछली भंडारण क्षमता 200 किलोग्राम है और इसे 1000 किलोग्राम तक बढ़ाया जा सकता है. सभरवाल ने कहा कि यह स्वचालित रोबोटिक नाव 30 दिन की परीक्षण अवधि पूरी होने के बाद नगर निगम को सौंप दी जाएगी.
AI-सक्षम रोबोटिक ट्रैश बोट गारबेज बैग भरने के बाद चिन्हित स्थानों पर कूड़ा निकाल देगी. जिसके बाद नगर निगम कूड़े को वहां से हटाएगा और यह बोट में एक सेंसर है जो 200 किलो की क्षमता का बैग भरने का भी अलर्ट देगा.सीआईपीएससी की निदेशक करिश्मा सभरवाल के अनुसार, यह बोट बड़े-छोटे दोनों तरह का कचरा निकालेगी.
स्वच्छ गोमती अभियान
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत गौ घाट पर लखनऊ नगर निगम, एनसीसी निदेशालय और लोक भारती संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित पुनीत सागर अभियान के तहत स्वच्छ गोमती अभियान था. इस अभियान में भाग लेते हुए मुख्य सचिव ने लखनऊ नगर निगम (LMC) को गौ घाट के पास उपवन (पार्क) विकसित करने का भी निर्देश दिया.