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कानून का दुरुपयोग करने पर महिला के खिलाफ कोर्ट की बड़ी कार्रवाई, बलात्कार और धमकियां देने का लगाईं थीं आरोप

Rohini Court Action in Rape Case: कानून का दुरुपयोग करने पर आदालत ने महिला के खिलाफ कार्रवाई की है. दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने महिला कि खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लेकर धारा 344 के तहत कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है.

Rohini Court

प्रतीकात्मक फोटो.

Rohini Court Action in Rape Case: अदालत ने बलात्कार का झूठा आरोप लगाकर कानून का दुरुपयोग करने वाले महिला के खिलाफ सख्ती दिखाई है. साथ ही न्यायालय ने आरोपी महिला के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया है. वहीं, सामूहिक बलात्कार एवं अपहरण करने के तीन आरोपियों को बरी कर दिया है. रोहिणी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगमोहन सिंह ने बलात्कार के वास्तविक पीड़ितों की रक्षा के लिए कानूनी प्रावधानों की पवित्रता बनाए रखने के लिए झूठे आरोपों को सख्ती से निपटने की बात भी कही.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला का आचरण रहा अव्यवहारिक

न्यायाधीश ने कहा कि कथित पीड़ित महिला के बयान विरोधाभासी और अविश्वसीन हैं. कोर्ट में मामले की पूरी सुनवाई के दौरान उसका आचरण अव्यवहारिक रहा. उन्होंने यह कहते हुए तीन आरोपी सतीश, योगेश गुप्ता एवं कुलदीप बरी कर दिया. इस मामले में चौथे आरोपी सतवीर की सुनवाई के दौरान मौत हो गई है.

आदालत ने माना किसी खास मकसद के लिए लगाया आरोप

पीड़ित महिला ने सभी आरोपियों के खिलाफ 12-13 दिनों तक बलात्कार करने एवं धमकियां देने का आरोप लगाई थीं. अदालत ने इस मामले में यह माना कि आरोपी महिला किसी खास मकसद के लिए आरोप था. बता दें कि कोर्ट ने महिला के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है.

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