Bengaluru Prison Radicalisation: केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सात राज्यों में सर्च ऑपरेशन की है. आतंकवादी बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर कैदियों को कट्टरपंथी बनाने की मुहिम चला रहे थे. मामला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है. जो कि साजिश के तहत कानूनी विरोधी गतिविधि को अंजाम दे रहे थे. एनआईए के सर्च ऑपरेशन के तहत इस ओरोपियों को पकड़ा भी गया है. प्रमुख आरोपियों में हम्मद उमर, मोहम्मद फैसल रब्बानी, तनवीर अहमद और मोहम्मद फारूक के साथ-साथ भगोड़े जुनैद अहमद का भी नाम शामिल है.
NIA सूत्र के मुताबिक पांच कैदी सेंट्रल जेल, परप्पाना अग्रहारा, बेंगलुरु में कारावास के दौरान लश्कर सदस्य और आजीवन कारावास की सजा काट रहे टी. नजीर के संपर्क में आए थे. जांच एजेंसी को इस बात की आशंका है कि लश्कर-ए-तैयबा के फरार आरोपी रामेश्वरम (बेंगलुरु) कैफे ब्लास्ट से जुड़े हो सकते हैं. हाल ही में कैफे ब्लास्ट मामले की जांच एनआईए को सौंपा गया था. जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
NIA की छापेमारी कहां-कहां?
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 7 राज्यों के 17 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. उक्त छापेमारी बेंगलुरु, केरल और कर्नाटक में की जा रही है.
जांच में 7 लोग पहले भी हुए थे गिरफ्तार
जानकारी रहे कि बेंगलुरु पुलिस ने बीते वर्ष जेल हो रहे रेडिकलाइजेशन की जांच के दौरान 7 पिस्तौल, 4 हथगोले और 1 मैग्जीन समेत गोला बारूद बरामद किए थे. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था. जिसमें 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
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