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‘भाजपा-आरएसएस के बीच सब कुछ ठीक’, BJP प्रेसिडेंट के चयन में अनबन पर बोले संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले

RSS General Secretary Dattatreya Hosbole: आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि भाजपा और संघ के बीच कोई संकट नहीं है, और समाज के योगदान को महत्व दिया जाना चाहिए.

RSS General Secretary Dattatreya Hosbole
Vijay Ram Edited by Vijay Ram

RSS-BJP Relations: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के अंतिम दिन भाजपा और आरएसएस के रिश्ते को लेकर अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान अक्सर इस रिश्ते को लेकर विभिन्न आकलन किए जाते हैं, लेकिन असल आकलन तो देश की जनता ने किया है. होसबोले ने यह स्पष्ट किया कि आरएसएस और सरकार के बीच कोई संकट नहीं है और सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है.

RSS का समाज में योगदान और भूमिका

होसबोले ने कहा कि आरएसएस देश का अभिन्न हिस्सा है और अगर संघ किसी भूमिका में है, तो वह सरकार के लिए अभिभावक की तरह कार्य करता है. उन्होंने यह भी बताया कि संघ का उद्देश्य न तो किसी राजनीतिक पार्टी के साथ मेल-जोल रखना है, न ही किसी विशेष कार्य को अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि मानना है. संघ का उद्देश्य समाज के समग्र कल्याण में योगदान देना है.

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले

औरंगजेब और दारा शिकोह पर टिप्पणी

होसबोले ने औरंगजेब के विषय पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने दिल्ली के औरंगजेब मार्ग को अब्दुल कलाम मार्ग में बदलने का उल्लेख करते हुए यह सवाल उठाया कि भारत में औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी भी एक आइकॉन क्यों नहीं माना गया. उनका कहना था कि यह उल्टा होना चाहिए था.

वक्फ से संबंधित मुद्दे पर संघ की स्थिति

वक्फ से संबंधित मुद्दे पर होसबोले ने कहा कि यह केवल आरएसएस का मुद्दा नहीं है, बल्कि समाज के अन्य हिस्सों में भी इस पर आवाज उठ रही है. इसके समाधान के लिए सरकार ने एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया है और उसके फैसले का इंतजार किया जाएगा.

2025 में RSS के 100 साल पूरे हो रहे

होसबोले ने संघ के 100 साल के यात्रा के बारे में भी बात की और कहा कि विजयादशमी के दिन 100 साल पूरे हो जाएंगे. यह आत्मचिंतन का समय है, और संघ के कार्यों को समाज तक पहुंचाने की आवश्यकता है. संघ ने आगामी समय में समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का संकल्प लिया है, और 2 अक्टूबर को पूरे देश में शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत होगी.

समाज के योगदान को महत्व देने की अपील

होसबोले ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि राम मंदिर का निर्माण संघ की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह समाज के समग्र प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने समाज के योगदान को महत्व देते हुए कहा कि किसी भी बड़े कार्य का श्रेय समाज के योगदान को ही दिया जाना चाहिए. इस सभा में देशभर के 1443 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, और RSS के अगले कदमों के बारे में चर्चा की गई. संघ ने 100 साल के इस सफर को समाज के योगदान के रूप में देखा और आगे की योजना बनाई है.



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