विदेश मंत्री सर्वेई लावरोव और एस. जयशंकर.
India Import Oil From Russia: इजराइल-हमास युद्ध के बीच भारत का लगातार रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदना पिछले कुछ महीनों वैश्विक समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है. पड़ोसी देश पाकिस्तान के आम चुनाव में तो यह चुनावी मुद्दा था. इस पर कई बार विदेश एस. जयशंकर भारत का पक्ष पश्चिमी देशों के मंच पर रख चुके हैं. वे साफ तौर पर कह चुके हैं कि पश्चिमी की समस्या पूरे विश्व की समस्या नहीं हो सकती है. ऐसे में इस बीच रूस की ओर से इस मामले पर ताजा बयान सामने आया है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से सोच्चि के विश्व यूथ फोरम में जब यह पूछा गया कि यूकेन और इजराइल युद्ध के बीच भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है? इस पर लावरोव ने कहा कि रूस से तेल खरीदना भारत के राष्ट्रीय गरिमा की बात है. इतना ही नहीं लावरोव ने जयशंकर को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि मेरे दोस्त जयशंकर ने इसका बखूबी जवाब दिया है.
पश्चिमी देश लगातार कर रहे हैं आलोचना
लावरोव ने आगे कहा कि मेरे दोस्त ने यूएन में दिए अपने संबोधन में इस बारे में जवाब दिया था. उनसे पूछा गया था कि भारत ने इतना तेल खरीदना क्यों शुरू किया. इस पर जयशंकर उनको अपना काम करने की नसीहत दी थी और ये भी बताया कि पश्चिमी देश युद्ध के बीच भी रूस से हमारी तुलना में दोगुना तेल खरीद रहे हैं. बता दें कि लावरोव ने यह बयान तब दिया है जब पश्चिमी देशों ने भारत के रूस से तेल खरीदने के कदम की आलोचना की थी.
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अभी इतना तेल आयात कर रहा है भारत
गौरतलब है कि रूस द्वारा यूके्रन पर हमले के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. ऐसे में प्रतिबंधों के बावजूद भी भारत रूस से लगातार तेल खरीद रहा है. इतना ही नहीं बैन के बाद तो भारत ने तेल खरीद का लगभग दोगुना कर दिया है. भारत रूस से 2023 तक प्रतिदिन 17.9 लाख बैरल तेल प्रतिदिन खरीद रहा है. हालांकि युद्ध से पहले यह 12.7 लाख बैरल प्रतिदिन था.