फोटो-सोशल मीडिया
विकास कपिल
Saharanpur: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने बकरीद (Bakrid) के मौके पर अपील जारी करते हुए मुस्लिम समाज से कहा है कि “वह प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी हरगिज न करें, खुले में कुर्बानी न करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अपने त्योहार को खुशियों के साथ मनाएं.”
बता दें कि यूपी सरकार ने 29 जून को पड़ रही बकरीद पर प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी देने से लेकर खुले में कुर्बानी देने तक को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है. इसी के बाद देवबंद से ये फरमान मुस्लिम समाज के लिए जारी किया गया है. दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती मुज़म्मिल मुजफ्फरनगरी ने दारुल उलूम देवबंद की ओर से एक पत्र जारी किया है जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने मुसलमानों को ईद उल अजहा की मुबारकबाद देते हुए कहा कि, “हमारे बुजुर्गों और बड़ों ने हमेशा से प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से मना किया है. इसलिए हर मुसलमान इसका ख्याल रखे और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से हमेशा की तरह दूर रहें. इसी के साथ ये भी कहा है कि, “खुले में कुर्बानी न करें. सड़कों और रास्तों पर बिल्कुल कुर्बानी न करें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. जानवरों के अवशेष को सड़कों या नालियों में न डालें. बल्कि नगर पालिका द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार ही अवशेषों को गाड़ियों में डालें और इस बात का खास ध्यान रखें कि देश में रहने वाले अन्य धर्मों के लोगों को किसी भी तरह की इससे परेशानी न हो.”
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सड़कों पर न पढ़ें नमाज
मुफ्ती मुजम्मिल क़ासमी ने अपने बयान में ये भी कहा है कि, “मुसलमानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि सड़कों और रास्ते पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी है इसलिए उन्हें ईदगाह और मस्जिदों के परिसर के अंदर ही नमाज पढ़नी चाहिए. यानी उन्होंने अपने बयान में सड़कों पर नमाज अदा करने के लिए सख्त मना किया है.
-भारत एक्सप्रेस