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SC/ST आरक्षण रिव्यू मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, बोला- क्लासिफिकेशन का अधिकार राज्यों को नहीं

SC/ST Reservation Review Case: एससी/एसटी रिव्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने कहा कि अति पिछड़ों मे किन जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा इसको लेकर राज्यों को सोचना होगा.

सुप्रीम कोर्ट

SC/ST Reservation Review Case: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एससी/एसटी आरक्षण मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने कहा कि राज्यों में दोनों ही समुदायों के आरक्षण के वर्गीकरण का अधिकार राज्यों को नहीं हैं. अगर ऐसा होता है तो राज्य तुष्टिकरण को बढ़ावा देंगे. बता दें कि कोर्ट 2004 में दिए गए अपने फैसले की समीक्षा पर सुनवाई कर रहा था.

मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पकंज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की संविधान पीठ में हुई.

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संपन्न लोगों पर आरक्षण का फैसला संसद करें- कोर्ट

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एक राज्य में कई जातियां पिछड़े वर्ग हैं ऐसे में राज्य तो केवल 2 को ही चुनता है. ऐसे में जिन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है तो ऐसे में वे हमेशा अपने वर्गीकरण को चुनौती दे सकते हैं. अनुच्छेद 14 के तहत वे हमेशा ये दावा कर सकते हैं कि वे सभी मानदंडों को पूरा करते हैं. बेंच ने कहा कि अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ देते समय राज्य सरकारें दूसरे वर्गों के साथ अन्याय नहीं कर सकती.

मामले की सुनवाई के दौरान संपन्न लोगों को रिजर्वेशन से बाहर करने का फैसले को लेकर जस्टिस बीआर गंवई ने कहा कि इस पर फैसला संसद को करना होगा कि अमीर लोगों को आरक्षण से बाहर करना चाहिए या नहीं.

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