Bharat Express

लैंड फॉर जॉब मामला: राउज एवेन्यू कोर्ट ने राबड़ी देवी-मीसा भारती को दी अंतरिम जमानत

लैंड फॉर जॉब मामले में 28 फरवरी को होनी है अगली सुनवाई. अगली सुनवाई के दिन कोर्ट आरोपियों की नियमित ज़मानत पर भी सुनवाई करेगा.

land for job case

लैंड फॉर जॉब में लालू परिवार को राहत

Land For Job Case: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार को राहत मिली है. आज यानी 9 फरवरी 2024 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को अंतरिम जमानत मिली है. शुक्रवार को राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए पहुंचे थे. स्पेशल जज विशाल गोगने की कोर्ट में पेशी हुई.

इस मामले में ईडी ने 4751 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ये पहली चार्जशीट है. इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कुल सात लोगों को आरोपी बनाया है. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि आरोपी अमित कात्याल ने वर्ष 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नामक कंपनी का गठन किया था.

वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े अमित कात्याल

ईडी ने अदालत को बताया था कि कंपनी ने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया बल्कि कई भूखंड खरीदे. इनमें से एक भूखंड नौकरी के बदले जमीन घोटाले से हासिल किया गया. मामले में आरोपी अमित कात्याल वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े. आरोपी हृदयानंद चौधरी भी अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे. मामले में सभी आरोपियों ने कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है. राउज एवेन्यू कोर्ट से रेगुलर जमानत की मांग की है. कोर्ट ने ईडी से जमानत अर्जी पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

लालू परिवार को मिली राहत

बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार से लगातार पूछताछ हो रही है. अभी कुछ दिनों पहले ही लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से पटना में ईडी ने पूछताछ की थी. लालू को करीब 10 घंटे तो तेजस्वी को 8 घंटे के आसपास बैठाया गया था. कई सवाल पूछे गए थे. अब दिल्ली में राबड़ी, मीसा और हेमा यादव को अंतरिम जमानत मिलने के बाद थोड़ी राहत जरूर मिली है.

ये भी पढ़ें:हल्द्वानी में उपद्रवियों ने सुनियोजित तरीके से हिंसा को दिया अंजाम, डीएम बोलीं- कुछ बड़ा करने की तैयारी थी

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 14 साल पुराना है. इस मामले में आरोप है कि तत्कालीन रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली थी. आरोपों को लेकर सीबीआई ने 18 मई 2022 में केस दर्ज किया था. रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के लिए पहले सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया फिर उनसे जमीन ट्रांसफर करवाने के बाद उनकी नौकरी पक्की कर दी गई. सीबीआई के आरोपों के ही आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था और जांच शुरू करते हुए चार्जशीट फाइल की थी.

-भारत एक्सप्रेस 

Bharat Express Live

Also Read