Bharat Express

इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल सेमीकंडक्टर, जानें क्यों छोटी सी चिप्स के पीछे हाथ धो कर पड़ी है पूरी दुनिया

सेमीकंडक्टर चिप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5जी, आईओटी, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल जैसी एमर्जिंग टेक्नोलॉजीज का अहम हिस्सा हैं.

Semiconductor

Semiconductor

Semiconductor: भविष्य में दुनिया की लगभग हर चीज़ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर निर्भर हो जाएगी. और इन सभी को पावर देने के लिए एक चिप्स (सेमीकंडक्टर) की आवश्यकता होगी. भारत अगले 10 वर्षों में सेमीकंडक्टर निर्माण में एक वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है. आने वाले वक्त में भारत चिप्स डिजाइन करेगा. उनका निर्माण करेगा. शायद उसे दुनियाभर में निर्यात भी करे.

हाल ही में पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण पर सरकार की ओर से कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता दी जाएगी. आईटी कंपनियों की ओर से भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया है. लेकिन आज के दौर में सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत से आगे हैं चीन और ताइवान. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान चीन भी दुनियाभर में सेमीकंडक्टर का निर्यात करने में असफल हो गया था. अब भारत ने चीन को टक्कर देने की तैयारी कर ली है.

सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने वाली कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है. इस फैक्ट्री का इस्तेमाल सेमीकंडक्टर चिप्स को पैक करने के लिए किया जाएगा. हाल ही में चीन ने माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सेमीकंडक्टर पर बैन लगा दिया था. माइक्रोन के प्लांट लग जाने से भारत में इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स की कीमत काफी हद तक कम हो जाएगी. वेदांता भी अब सेमीकंडक्टर बनाने जा रही है.

ये सेमीकंडक्टर क्या बला है ?

सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का हर्ट माना जाता है. स्मार्टफोन्स से लेकर कम्प्यूटर्स, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डेवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम और कई तरह के प्रॉडक्ट्स में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है. ऐसा कह सकते हैं कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इसके बिना शून्य है.

यह भी पढ़ें: PUMA की जगह युवक ने खरीद लिए UPMA के जूते! कीमत बताने पर Swiggy से आया मजेदार जवाब

2026 तक सेमीकंडक्टर बाजार 64 अरब डॉलर के पार

साल 2021 में मोदी सरकार ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ((ISM)) की शुरुआत की थी. सरकार की ओर से इसके लिए 76 हजार करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में खर्च किए गए. सरकार ने दुनियाभर के सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनियों को भारत में प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया है. सरकार का कहना है कि वो इसके लिए 50 फीसदी वित्तीय सहायता भी देगी. दावा किया जा रहा है कि साल 2026 तक भारत का सेमीकंडक्टर का बाजार 64 अरब डॉलर के पार हो जाएगा. दुनिया की हर एक चीज इस पर निर्भर हो जाएगी. कोविड-19 ने भारत सहित कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को एक बड़ा सबक सिखाया. धीरे-धीरे भारत सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए चीन और ताइवान पर अपनी अत्यधिक निर्भरता को कम करने जा रहा है. चिप्स की कमी के कारण साल 2021-22 के दौरान लैपटॉप, स्मार्ट टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

कैसे काम करता है सेमीकंडक्टर?

बता दें कि सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन का बना एक चिप्स होता है. देखने में बेहद छोटे इस प्रोडक्ट में बेशुमार ताकत है. इसका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, व्हीकल और माइक्रोवेव ओवन जैसे कई प्रोडक्ट्स में किया जाता है. किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करना इसका काम है. इसकी वजह से ही डिवाइस स्मूथ चलती है.

टॉप सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियां

सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में Taiwan Semiconductor Manufacturing Company (TSMC), Intel, Samsung, Broadcom और Nvidia शामिल हैं. बताते चलें कि सेमीकंडक्टर चिप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5जी, आईओटी, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल जैसी एमर्जिंग टेक्नोलॉजीज का अहम हिस्सा हैं. यानी सेमीकंडक्टर चिप मॉडर्न कम्प्यूटेशन के बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read