सेमिनार
UP News: यूपी की राजधानी लखनऊ में दिव्यांगों के एक सेमिनार का आयोजन हुआ जिसमें पद्मश्री कनुभाई हसमुखई भाई टेलर सहित 80 दिव्यांगजनों और उनके लिए काम करने वाले समाजसेवियों को सम्मानित किया गया. लखनऊ के कृष्णानगर स्थित एक होटल में इस अवसर पर छह घंटे का सेमिनार आयोजित हुआ. सेमिनार में कनुभाई टेलर ने कहा कि यदि मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो दिव्यांगता हमारे कामों में अवरोध नहीं उत्पन्न कर सकती. प्रकृति ने यदि कोई बाधा उत्पन्न किया है तो निश्चय ही वह कोई अच्छी विशेषता भी देता है, उसे हमें निखारने की जरुरत है.
स्वाति फाउंडेशन की अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) ने कहा कि प्रकृति जिस भी व्यक्ति को शारीरिक रुप से अक्षम बनाती है, उसको निश्चय ही कुछ विशेष दिव्य दृष्टि देती है. उसको पहचानने की जरूरत है, उसको पहचान कर जो चला वह अपनी दिव्यांगता पर हावी हो गया और वह कर बैठा जो शारीरिक रूप से स्वस्थ भी नहीं कर सकते.
पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक सबसे ज्यादा दिव्यांजनों के लिए काम किया है. उन्होंने आत्मसम्मान का भाव भरने के लिए सबसे पहले विकलांग शब्द को दिव्यांगजन कर दिया, जिससे आत्मग्लानि का भाव न आये. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेकों कार्यक्रम चलाए, जिससे आज दिव्यांगजन आत्मनिर्भर हो रहे हैं.
उन्होंने सूरदास का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने एक बार सूरदास का हाथ पकड़कर बांधा को पार कराया था. उसके बाद छोड़कर जाने लगे तो तुरंत सूरदास ने तुरंत उन्हें पहचान लिया और उन्होंने कहा कि आपने हमको इतना निर्बल समझ लिया है. आप इतने सबल हैं तो मेरे मन और आत्मा से निकलकर देखिए. उन्होंने कहा कि हर दिव्यांगजन को सूरदास से प्रेरणा लेनी चाहिए. समाज आगे आये और दिव्यांगजनों की मदद करे.
सेमिनार में “आंशिक विकलांगता को पूर्ण विकलांगता में परिवर्तित सम्बंधी रोकथाम ” विषय पर विशेषज्ञों ने अपने शोध परक विचार प्रस्तुत किये तथा दिव्यंगता से संबंधित – सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सीय एवं तकनीकी पक्षों पर अपने विचार रखे. सेमिनार में इसरो से लगायत अनेकों क्षेत्रों के विशेषज्ञ लोगों की उपस्थित ने दिव्यांगजनों के प्रति सम्मान प्रकट किया जो समाज में दिव्यांगजनों के प्रति आदर प्रदर्शित कर रहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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