156 साल पुराना दारुल उलूम मदरसा गैर-मान्यता प्राप्त
उतर-प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. जिसके चलते सहारनपुर जिले में भी मौजूद सभी मदरसों की जांच की जा रही हैं. जहां अब तक 360 मदरसे सरकार से गैर सहायता और गैर मान्यता प्राप्त मिल चुके है. इस लिस्ट में देवबन्द का दारुल उलूम मदरसा भी शामिल है.
सोसाइटी एक्ट में है पंजीकृत
योगी सरकार के निर्देश पर सहरानपुर में लगभग 2 महीनों से मदरसों में सर्वे चल रहा है. जिले में 10 सितंबर से शुरु हुए सर्वे में सबसे पुराना मदरसा दारुल उलूम भी शामिल है जो लगभग 156 साल पुराना है. यह मदरसा सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत है. बता दें सहारनपुर की सदर तहसील में गैर सहायता प्राप्त मदरसों की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई है. जिले में मदरसों में सर्वे अभी जारी है और बताया जा रहा है कि अभी ऐसे और मदरसे भी हो सकते हैं जो गैर सहायता प्राप्त मदरसों के अंतर्गत आते हैं.
15 नवंबर तक पेश होगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर सहित और भी दूसरे जिले में मदरसों में सर्वे कराने के निर्देश दिए थे. सर्वे केे दौरान अधिकारियों को अभी तक 360 से अधिक ऐसे मदरसे मिल चुके हैं, जिन्हें सरकार से सहायता नहीं मिलती है. जिले में अब सबसे ज्यादा मदरसे सदर तहसील में मिले हैं जिनकी संख्या 123 है. जबकि बेहट तहसील में अब तक सबसे कम मदरसे पाए गए हैं. डीएम अखिलेश सिंह के अनुसार जिले के सभी मदरसों का सर्वे कराया कर इसकी रिपोर्ट अगले महीने यानी नवंबर में 15 तारीख तक प्रदेश सरकार को सौपनी है.
सर्वे में करे सहयोग- दारुल उलूम
यूपी में गैर सहायता प्राप्त मदरसों में सर्वे कराए जाने वाले योगी सरकार के फैसले पर दारुल उलूम देवबंद में यूपी के मदरसों का सम्मेलन हुआ था. इस सम्मेलन में मदरसों का संचालन करने वाले तमाम मौलाना शामिल हुए थे. इस दौरान मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि मदरसों का सर्वे कराना सरकार का अधिकार है. मदरसों के अंदर कोई अवैध गतिविधि होती है या ये पता करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने मदरसे संचालकों को कहा था सर्वे से बिल्कुल भी घबराना नहीं है. सरकार की कोई भी अधिकारी या कर्मचारी पूछताछ के लिए आए तो उसे सही-सही जानकारी देकर सर्वे में सहयोग करें.
-भारत एक्सप्रेस