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UP: माफिया जीवा की हत्या में चौंकाने वाला खुलासा, बदन सिंह बद्दो ने दी थी मर्डर की सुपारी, बनाया गया आरोपी

Lucknow: जीवा ने 90 के दशक में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया. यूपी और उत्तराखंड में अकेले 23 मामले उसके खिलाफ दर्ज थे.

Sanjeev Jeeva Murder

हत्यारोपी विजय यादव और संजीव जीवा (फाइल फोटो)

Sanjeev Jeeva Murder Case: गैंगस्टर संजीव जीवा हत्याकांड मामले में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे के मुताबिक बदन सिंह बद्दो ने जीवा की हत्या की सुपारी दी थी. इस मामले की चार्जशीट वजीरगंज पुलिस ने फाइल की है, जिसमें बताया गया है कि, जीवा की हत्या करने वाले विजय यादव को बद्दो ने पैसे का लालच दिया था. इसी के बाद उसकी हत्या की गई. बता दें कि हाल ही में भाजपा नेता ब्रह्मदत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ सिविल कोर्ट में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब उसे पेशी में लाया गया था. बता दें कि इस घटना के दौरान विजय यादव द्वारा की गई फायरिंग में कोर्ट परिसर में मौजूद डेढ़ साल की बच्ची लक्ष्मी भी घायल हो गई थी और कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. फिलहाल इस केस में बद्दो को भी आरोपी बनाया गया है.

 

पुरानी रंजिश में हुई जीवा की हत्या

चार्जशीट की मानें तो जीवा की हत्या पुरानी रंजिश के चलते कराई गई. बदन सिंह बद्दो से उसकी पुरानी रंजिश थी. इसी को लेकर उसने मौका पाते ही संजीव जीवा की कोर्ट में हत्या करवा दी थी. मालूम हो कि यूपी के टॉप अपराधियों की सूची में बदन सिंह बद्दो का नाम भी शामिल है. अगर जार्चशीट की मानें तो उसने वकील की पोशाक में विजय यादव को भेजा था, जिसने जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मीडिया सूत्रों के मुताबिक जीवा का हत्यारा करीब 3 बजकर 50 मिनट में कोर्ट परिसर में पहुंचा था और 3 बजकर 55 मिनट पर उसने जीवा पर गोली से हमला कर दिया था. यानी उसने बिना समय गंवाए ही पांच मिनट के अंदर माफिया को ढेर कर दिया था. अगर चार्जशीट की मानें तो इसमें बदन सिंह बद्दो औऱ शूटर विजय यादव की मुलाकात का भी जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि, दोनों ने नेपाल में मुलाकात की थी.

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संजीव जीवा पर दर्ज थे कई मुकदमे

माफिया संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था और उसका पूरा नाम संजीव माहेश्वरी है लेकिन अपराध की दुनिया में लोग उसे जीवा के नाम से ही जानते थे. पश्चिमी यूपी में उसका सिक्का चलता था और वह वहां का कुख्यात अपराधी माना जाता था. पुलिस की मानें तो उसने 90 के दशक में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद वह अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया. यूपी और उत्तराखंड में अकेले 23 मामले उसके खिलाफ दर्ज थे. शामली, मुजफ्फरनगर, फरुखाबाद, गाजीपुर और हरिद्धार में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी और जालसाजी के कई मामले उसके ऊपर दर्ज थे. उसके गैंग में करीब 36 अपराधी उसके साथ काम करते थे बताया जाता है कि जीवा मुन्ना बजरंगी का भी करीबी था और साम्राज्य काफी बड़ा था और उसने अपराध की दुनिया में शुरुआत अपहरण से की थी.

-भारत एक्सप्रेस

 

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