फोटो- छत्तीसगढ़ सीएम की विशेष सहायक सचिव रही हैं सौम्या चौरसिया
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व सचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दे दी है.
जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सौम्या को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि अंतरिम जमानत पर रहने के दौरान गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी. जांच में सहयोग करेंगी. ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होंगी.
कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को पासपोर्ट सरेंडर करने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने सौम्या चौरिसिया से कहा कि वो कोर्ट के बिना अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने छतीसगढ़ सरकार से कहा है कि सौम्या चौरसिया को बहाल न करें, वह निलंबित रहेंगी. हालांकि, ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया था.
1 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं सौम्या
सौम्या चौरसिया की ओर से पेश वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि चौरसिया 1 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं. छतीसगढ़ के कथित 500 कोल लेवी स्कैम के आरोप में सौम्या चौरसिया जेल में बंद हैं.
हाल ही में छतीसगढ़ हाई कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की तीसरी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इससे पहले अप्रैल में कोर्ट जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने हाई कोर्ट में कहा था कि सौम्या चौरसिया किनपीन की भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था. सौम्या दिसंबर 2022 से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.
पहले भी सुप्रीम कोर्ट से लगा चुकीं गुहार
सौम्या इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगा चुकी हैं. जिसको खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गलत तथ्य पेश करने के कारण उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा चुका है.
जमानत पर सुनवाई के दौरान सौम्या चौरसिया के वकील ने बचाव में कहा था कि सौम्या चौरसिया के खिलाफ मामला नहीं बनता है. यह भी कहा गया था कि सौम्या एक महिला हैं, उनके दो बच्चे हैं और इस मामले में लंबा समय लगने वाला है. इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत दे दी जाए. कोयला घोटाले एवं मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ईडी की छापेमारी के दौरान सौम्या चौरसिया के ठिकानों से कई अहम दस्तावेज बरामद किया था और करोड़ो की संपत्ति को जब्त किया था.
— भारत एक्सप्रेस