सपा मुखिया अखिलेश यादव
UP Politics: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की जीत और शिवपाल यादव-अखिलेश यादव के रिश्ते अच्छे होने के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कई नेताओं के बीजेपी (BJP) में जाने की संभावनाएं दिख रही हैं. साथ ही ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद अगर आगामी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) में सपा ठीक-ठाक प्रदर्शन करती है तो 2024 के लोकसभा उपचुनाव के पहले कुछ छोटे दल समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर सकते है.
मैनपुरी में रिकॉर्ड मतों से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के जीत के बाद बीते शुक्रवार को बदायूं के पूर्व विधायक आबिद रजा पार्टी में शामिल हो गए. वहीं, सुभसपा अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के प्रति अपने तेवर में नरमी के संकेत देते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव पहल करेंगे तो हमारी अखिलेश यादव से फिर से बातचीत (UP Politics) हो सकती है.
कई छोटे दलों में बढ़ी हलचल
बता दें कि 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सुभासपा, महान दल, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), और अपना दल (कमेरावादी) के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लगा था, लेकिन चुनाव के बाद सपा ने सभी से दूरी बना ली थी. हालांकि उपचुनाव में सपा की जीत के बाद इन छोटे दलों में फिर हलचल बढ़ गई है. सियासी गलियारों (UP Politics) में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुभासपा जैसे छोटे दलों के नेता निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) में समाजवादी पार्टी की स्थिति का आंकलन करेंगे. इसके बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दिशा तय करेंगे.
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गौरतलब है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव में सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया था, तो वहीं बीजेपी ने शिवपाल के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया था. इस चुनाव में डिंपल यादव पर जनता का अपना भरोसा जयाता था.
-भारत एक्सप्रेस
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