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Ramcharitmanas: मोहन भागवत के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य का पलटवार, कहा- महज बयान देकर लीपापोती करने से बात नहीं बनेगी

उत्तर प्रदेश में लगातार जारी है श्रीरामचरितमानस पर सपा नेता की विवादित टिप्पणी. इस बार मोहन भागवत के बयान की आड़ में एक बार फिर साधा निशाना.

फोटो-सोशल मीडिया

UP Politics: हिंदू धर्म ग्रंथ श्रीरामचरितमानस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर सियासी बयानबाजी लगातार जारी है. वहीं श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित बयानबाजी करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के ब्राह्मणों को लेकर दिए बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, “मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है.”

उन्होंने रामचरितमानस को लेकर अपनी बातों को दोहराते हुए कहा, “जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिये आगे आयें.” स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, “यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें. मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है.”

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मोहन भागवत ने क्या कहा था

इसके पहले मोहन भागवत का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था, “हिन्दू समाज को देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता. आपको समझना होगा. हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है. जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?” उन्होंने आगे कहा, “भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है. उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था. देश में विवेक, चेतना सभी एक है, उसमें कोई अंतर नहीं. बस मत अलग-अलग है. धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की. देश में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन हम दुनिया में प्रमुखता हासिल करने के बाद अन्य देशों की तरह नहीं होंगे.”

-भारत एक्सप्रेस

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