
स्पेस में डॉकिंग. (फोटो-ISRO)
मिशन की सफलता के बाद ISRO ने इस उपलब्धि का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. इस वीडियो में वैज्ञानिकों की उत्सुकता और उनकी वर्षों की मेहनत की झलक देखने को मिलती है. वीडियो में दिखाया गया कि अंतरिक्ष में किस तरह से दोनों सैटेलाइट्स को डॉक किया गया. साथ ही, ISRO प्रमुख वी. नारायण अपनी टीम को इस सफलता के लिए बधाई देते हुए नजर आए.
ISRO successfully completed docking of two SPADEX satellites (SDX-01 & SDX-02) in the early hours of 16 January, 2025.#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/UJrWpMLxmh
— ISRO (@isro) January 17, 2025
इससे पहले केवल रूस, अमेरिका और चीन ही स्पेस में डॉकिंग तकनीक को सफलतापूर्वक अंजाम दे पाए थे. अब भारत इस लिस्ट में चौथा देश बन गया है. यह तकनीक भारत के आगामी अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
भविष्य के मिशनों के लिए बड़ी सफलता
SpaDeX मिशन की यह सफलता ISRO के आगामी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स जैसे चंद्रयान-4, गगनयान, अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में मददगार साबित होगी. डॉकिंग तकनीक भारत के अंतरिक्ष अभियानों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी.
Undocking और पॉवर ट्रांसफर चेक
स्पेस डॉकिंग की सफलता के बाद, अब ISRO अगले कुछ दिनों में अनडॉकिंग प्रक्रिया यानी दोनों सैटेलाइट्स को अलग करने और उनमें पावर ट्रांसफर की जांच करेगा.
2035 तक भारत का अंतरिक्ष स्टेशन
भारत ने 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिसे “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” के नाम से जाना जाएगा. SpaDeX मिशन को इस दिशा में पहला बड़ा कदम कहा जा सकता है. ISRO की इस उपलब्धि ने न केवल देश को गर्व का मौका दिया है, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की क्षमता और प्रतिबद्धता को भी साबित किया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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