सहारा श्री सुब्रत रॉय (फाइल फोटो)
Subrata Roy: सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का बीती रात मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया. सहारा श्री ने 75 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. सहारा श्री के निधन के बाद अब उनसे जुड़े लोग उनके साथ बीते लम्हों को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. वहीं गोरखपुर के उस मकान का भी जिक्र किया जा रहा है, जहां से सुब्रत रॉय की उड़ान ने पंख पसारने शुरू किए थे और बाद में पूरी दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहराया. सुब्रत रॉय तुर्कमानपुर बर्फखाना रोड पर स्थित इंद्रावती निवास में 250 रुपये महीने के किराए पर रहते थे. यहीं से फाइनेंस कंपनी की शुरुआत की थी. जिसे बाद में देश से लेकर विदेशों तक पहुंचाया. एक से बढ़कर एक कीर्तिमान उनकी कंपनी ने स्थापित किए.
इंद्रावती निवास से शुरू की थी कंपनी
साल 1974 में सुब्रत रॉय ने इसी मकान से छोटे-छोटे पैकेट बनाकर व्यापारियों को जोड़ने का काम शुरू किया था. सहारा श्री के रिश्ते स्थानीय व्यापारियों से बहुत अच्छे थे. उन्होंने व्यापारियों को छोटी बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया. यहीं से उन्होंने सहारा फाइनेंस की शुरुआत करने के साथ ही ‘गोल्डन की योजना’ लॉन्च की. इंद्रावती निवास के मालिक और गोरखपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता शक्ति प्रकाश ने बताया कि सुब्रत रॉय उनके मकान में किराए पर रहते थे. वे उनकी गोद में खेलकर बड़े हुए हैं. उनके लैंब्रेटा स्कूटर पर शहर की गलियों में खूब घूमे हैं. सहारा श्री का लैंब्रेटा आज भी लखनऊ में सहारा ऑफिस में खड़ा है.
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देश-दुनिया में पहुंचाया गोरखपुर का नाम
वहीं गोरखपुर की पूर्व मेयर अंजू चौधरी बताती हैं कि सुब्रत रॉय उन्हें भाभी कहकर बुलाते थे. उन्होंने नमकीन और बिस्किट के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर दुकानों में सप्लाई का काम शुरू किया था. छोटी-छोटी बचत करने वालों के बल पर सहारा श्री ने गोरखपुर को भी देश-दुनिया में पहुंचा दिया. अंजू चौधरी आगे बताती हैं कि जब उन्होंने फैशन शो कराया तो सहारा ने उसे स्पॉन्सर किया. जिसमें खेल जगत से लेकर फिल्मी हस्तियों का जमावड़ा लगा. इस शो में उर्मिला मातोंडकर, डायना हेडेन जैसे सितारों को लेकर खुद सुब्रत रॉय उनके घर आए थे.
कड़ी मेहनत और जुनून के बल पर बने बिजनेस टायकून
फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय करने वाले सहारा श्री ने कड़ी मेहनत और जुनून के बल पर सफलता के शीर्ष पर पहुंचे. दुनियाभर में उन्होंने सहारा ग्रुप का डंका बजवाया. फाइनेंस से लेकर हाउसिंग और एयरलाइंस में हाथ आजमाया. भारतीय क्रिकेट टीम को प्रमोट करते हुए खेलों को बढ़ावा दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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