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SC ने ठोस कचरा निपटान पर दायरा बढ़ाया, देश के सबसे प्रदूषित शहरों की मांगी जानकारी

ठोस कचरा निपटान के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दायरा को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने देश के दूसरे शहरों के बारे में जानकारी मांगी है.

Solid Waste Management

प्रतीकात्मक फोटो.

ठोस कचरा निपटान के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दायरा को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने देश के दूसरे शहरों के बारे में जानकारी मांगी है.

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने दिल्ली के मुख्य सचिव को फटकार लगाते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को 19 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव को पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने मुख्य सचिव से 11 नवंबर के आदेश से संबंधित हलफनामा देने को कहा है. साथ ही हिदायत भी दी है कि अगर 11 नवंबर के आदेशों पर अमल नही किया गया तो अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

प्रदूषित शहरों के बारे में मांगी जानकारी

वहीं कोर्ट ने सुनवाई के दायरा बढ़ाते हुए देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों के बारे में जानकारी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि यह गलत मैसेज नही जाना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है इसलिए सिर्फ दिल्ली एनसीआर होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली एनसीआर प्रदूषण के तर्ज पर देश के दूसरे प्रदूषित शहरों में भी एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन का गठन संभव है क्या?

..तो ग्रेप 4 को फिर से शुरू किया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट 1985 में दायर एम सी मेहता मामले में सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेप-4 को हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि यदि उसे पता चलता है कि AQI 350 से ऊपर जाता है, एहतियात के तौर पर ग्रेप 3 को तुरंत लागू करना होगा. यदि किसी दिन AQI 400 को पार कर जाता है, तो ग्रेप 4 को फिर से शुरू किया जाएगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद 2021 में केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग बनाया था. गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रदूषित की स्थितिका आकलन कर ग्रेपपाबंदियां लगाने का जिम्मा दिया गया है.


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-भारत एक्सप्रेस



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