सुप्रीम कोर्ट ने डीजल से चलने वाले एसपीजी के तीन बख्तरबंद वाहनों के पंजीकरण की अवधि को 5 साल के लिए बढ़ा दिया है. अब ये वाहन 2029 तक चलेंगे. जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने यह आदेश दिया है.
बता दें कि एसपीजी ने एनजीटी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई के दौरान एसपीजी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये वाहन विशेष सुरक्षा समूह की तकनीकी साजो-समाज का आवश्यक और अभिन्न अंग है. जिसमें वाहनों के पंजीकरण की अवधि को बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
SPG के तीन वाहन विशेष प्रयोजन के: एनजीटी
एनजीटी ने कहा था कि हम इस तथ्य से अवगत है कि ये तीन वाहन विशेष प्रयोजन के वाहन हैं जो सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं हैं और ये वाहन पिछले दस वर्षों में बहुत कम चले हैं और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट उद्देश्य के लिए आवश्यक हैं, लेकिन 29 अक्टूबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर, एसपीजी द्वारा इन वाहनों के पंजीकरण की अवधि बढ़ाने की अनुमति नहीं दे सकते.
‘मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के चलते ऐतराज’
एसपीजी ने अपनी मांग के समर्थन में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन से जुड़ी कुछ हालिया अधिसूचनाओं को एनजीटी के सामने रखा था. उन पर गौर करते हुए एनजीटी ने कहा था कि एसपीजी इन अधिसूचनाओं का लाभ नहीं ले सकती. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का 16 जनवरी 2023 के नोटिफिकेशन सामान्य प्रकृति का है. जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश खासतौर पर एनसीआर से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2018 के अपने आदेश में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर चलने से प्रतिबंधित लगा दिया था. ये तीन गाड़ियां 2013 में बनी थी और दिसंबर 2014 में इनका रजिस्ट्रेशन हुआ था. ये गाड़ियां तीन रेनॉल्ट एमडी-5 विशेष बख्तरबंद वाहन है.
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