Hemant Soren
भूमि घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 17 मई को उनकी अंतरिम जमानत की मांग पर विचार करेगा.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ईडी का जवाब आने के बाद ही इस मामले में सुनवाई संभव है. इस पर सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि तब तक चुनाव खत्म हो जाएगा, लिहाजा जल्द सुनवाई की तारीख दी जाए.
शीर्ष अदालत इस मामलें की सुनवाई 28 मई को सुनना चाह रहा था, लेकिन सिब्बल ने कहा कि अगर देर में सुनवाई करनी है तो इसे खारिज कर दीजिए, क्योंकि चुनाव खत्म हो जाएंगे. सिब्बल ने कहा कि केजरीवाल का आदेश मुझे कवर करता है, जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 17 मई तय की है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई की.
इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया था
झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 3 मई को हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ईडी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को गलत नहीं ठहराया जा सकता.
सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर इस आदेश को चुनौती दी है. साथ ही लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने की भी मांग की है.
हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. सोरेन पर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. सोरेन फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.
क्या था मामला
गौरतलब है कि सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी हुई है. ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था. ईडी ने सोरेन और उनके कथित फ्रंटमैन राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी.
-भारत एक्सप्रेस