सुप्रीम कोर्ट.
Kerala Gold Smuggling Case: केरल सोने की तस्करी के मामले में ईडी की ओर से दायर ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के फैसले का हवाला दिया गया. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ईडी जब भी गिरफ्तार करना चाहेगी, कानून का अनुपालन करते हुए और अरविंद केजरीवाल फैसले में निर्धारित आवश्यकताओं और तर्को का पालन करते हुए गिरफ्तार करेगी. निर्धारित मापदंडों को पूरा करना होगा. यह कई मुद्दों का ध्यान रखता है.
राज्य सरकार की दलील क्या है?
राज्य सरकार की दलील है कि ईडी ने मामले को ट्रांसफर के लिए कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है और यदि बिना किसी कारण के मामले को ट्रांसफर किया जाता है तो राज्य के शासन को बदनाम किया जाएगा. केरल सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि जांच और सबूतों के संग्रह और एक पूरक शिकायत प्रस्तुत करने के बाद अभियोजन एजेंसी ईडी केवल कथित आधार पर पीएमएलए मामले को दूसरे राज्य में ट्रांसफर की मांग नहीं कर सकती है.
केरल सरकार ने मामले को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की ईडी की याचिका के जवाब में हलफनामा दायर किया है, क्योंकि उसने प्रस्तुत किया है कि याचिकाकर्ता ने पीएमएलए मामलों के लिए विशेष अदालत के समक्ष लंबित मामले की सुनवाई को ट्रांसफर करने के लिए कोई मामला नहीं बनाया है. राज्य ने कि ईडी ने राजनीतिक कार्यालयों को मामले में पक्ष बनाये बिना आरोप लगाया है और ईडी द्वारा पेश किए गए अधिकांश दस्तावेजों, विशेष रूप से आरोपियों के बयानों में मामले का कोई आधार नहीं है. साथ ही राज्य ने कहा है कि उसने किसी भी तरह से जांच में बाधा नहीं डालती है. भले ही यह आरोप लगाया जा रहा है कि राजनेता शामिल है.
क्या है मामला?
बता दें कि पांच जुलाई 2020 को त्रिवनंतपुरम हवाई अड्डे पर यूएई वाणिज्य दूतावास के राजनीतिक सामान से 15 करोड़ रुपये कीमत का सोना जब्त किए जाने के बाद एनआईए, ईडी और सीमा शुल्क विभाग ने इस रैकेट की अलग-अलग जांच की थी. इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर और यहां यूएई वाणिज्य दूतावास के पीआरओ स्वप्रा प्रभा सुरेश, दूतावास के पूर्व सचिव, संदीप नायर एक अन्य पूर्व कर्मचारी सरित पी. एस सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
भारत एक्सप्रेस