सुप्रीम कोर्ट
Haldwani Protest: हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने की उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजा है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एस.ए. नजीर और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा मामले का उल्लेख करने के बाद सुनवाई के लिए स्वीकृति दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 7 फरवरी की तारीख तय की है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 5, 2023
ये भी पढ़ें: Haldwani Protest: कहां जाएंगे 50 हजार लोग? 4300 घरों पर चलेगा बुलडोजर? सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सभी की नजरें
हल्द्वानी के बनभूलपुरा और गफूर बस्ती में 4365 परिवार अतिक्रमणकारी माने गए हैं और इन्हीं को हटाया जाना है. 2007 में अतिक्रमण हटाने पर बवाल हो गया था. तब इस मुद्दे पर राजनीति हावी होने के साथ-साथ मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था. उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इधर, 2013 में हाई कोर्ट में हल्द्वानी के गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने जनहित याचिका दायर की. इस बीच याचिका में संशोधन के साथ चली सुनवाई के बाद 27 दिसंबर को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अतिक्रमण हटाने संबंधी सख्त आदेश दिए हैं. इसी क्रम में इज्जतनगर मंडल रेलवे, नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस व्यापक तैयारियों में जुटी है.
एक जनवरी को रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस और दो जनवरी को मुनादी कराते हुए एक सप्ताह में सभी अतिक्रमणकारियों को कब्जा हटा लेने की चेतावनी दे दी है. इधर, अन्यत्र बसाए जाने की मांग और अतिक्रमण हटाने के विरोध में स्थानीय लोग लगातार धरना, प्रदर्शन और कैंडल मार्च भी निकाल रहे हैं. कांग्रेस, सपा एवं एआइएमआइएम समेत कई संगठन सभाएं कर रहे हैं. स्थानीय महिलाएं व बच्चों के माध्यम से मुद्दे उठाते हुए सड़कों पर दुआ व नमाज अता की जा रही है. बनभूलपुरा व गफूर बस्ती मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं लेकिन अतिक्रमण की जद में सिर्फ यही समुदाय नहीं है. 35 हिंदू परिवार भी अतिक्रमणकारियों में शामिल हैं. सभी लोग घरों को बचाने के लिए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अतिक्रमण वाले क्षेत्रों में लोगों के घरों का आकलन व गतिविधियों की निगरानी एलआइयू कर रही हैं.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.