कर्नाटक की महिला आईपीएस डी रूपा मुदगिल को मानहानि मामले में मिली राहत को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने रूपा मुदगिल को मिली राहत को 5 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. जस्टिस अभय ओका की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. कर्नाटक की महिला आईएएस रोहिणी संधुरी ने आईपीएस डी रूपा मुदगिल के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर कर रखा है.
आरोप है कि आईएएस रोहिणी ने आईपीएस डी रूपा की निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी. इसकी जानकारी होने पर आईपीएस ने पहले तो आपत्ति जताई और फिर बाद में खुद भी सोशल मीडिया पर आईएएस रोहिणी की तस्वीरें शेयर कर दी थी. डी रूपा ने दावा किया था उनकी तस्वीरें आईएएस रोहिणी ने खुद अपने फोन से तीन पुरुष आईपीएस अधिकारियों की भेजी थी.
दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद आईएएस रोहिणी ने डी रूपा के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था. उन्होंने आईपीएस डी रूपा से एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा था. कोर्ट से समन जारी होने के बाद आईपीएस डी रूपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि का मुकदमा को रद्द करने की मांग की है.
पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों की जिरह के बाद कोर्ट ने दोनों को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि उन्हें आपसी रजामंदी से मामले को निपटा लेना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने आईपीएस डी रूपा को अपने सभी सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने को कहा था.
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-भारत एक्सप्रेस
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