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स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि : अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, ‘उठो, जागो’ का फिर गूंजा मंत्र

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर देशभर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई प्रमुख नेताओं ने स्वामी जी के विचारों को याद कर उन्हें राष्ट्रनिर्माता बताया.

Swami Vivekanand Death Anniversary

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने स्वामी विवेकानंद के योगदान को याद किया.

स्वामी जी ने एक ओर देशवासियों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर किया प्रेरित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारतीय ज्ञान, दर्शन और सांस्कृतिक स्वाभिमान के पुनर्जागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद जी के निर्वाण दिवस पर उन्हें सादर नमन. स्वामी जी ने एक ओर देशवासियों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित किया, तो दूसरी ओर युवाओं में नैतिक बल और आत्मविश्वास को जागृत किया. भारतीय ज्ञान-परंपरा को विश्वपटल पर पुनः प्रतिष्ठा दिलाने वाले विवेकानंद जी ने युवाओं से उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, का आह्वान किया. शिक्षा को सामाजिक विकास की धुरी मानने वाले स्वामी विवेकानंद जी के विचार, राष्ट्रनिर्माण की दिशा में सदैव मार्गदर्शक बने रहेंगे.”

भारत ही नहीं पूरे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा थे स्वामी जी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें नमन करता हूं. वे भारत ही नहीं पूरे विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. एक समृद्ध और प्रगतिशील भारत के निर्माण के उनके स्वप्न को पूरा करने के लिए हम सभी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.”

चुनौती जितनी बड़ी होगी, जीत उतनी ही शानदार होगी- सीएम योगी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट में लिखा, “‘चुनौती जितनी बड़ी होगी, जीत उतनी ही शानदार होगी’ सभ्यता, संस्कार और स्वाभिमान के उद्घोष ‘गर्व से कहो हम हिन्दू हैं’ के द्वारा सोए हुए भारत को जागृत करने वाले युवा संन्यासी, ‘राष्ट्रऋषि’ स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि! आपने वेदांत, सेवा और आत्मबल के आलोक से सनातन संस्कृति को विश्वमंच पर प्रतिष्ठित किया. राष्ट्रनिर्माण की आपकी दृष्टि और ‘उठो, जागो’ का मंत्र, युगों तक युवा भारत का पथप्रदर्शक बना रहेगा.”

पुष्कर सिंह धामी ने भी दी स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्र चेतना को वैश्विक मंच पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन. आपने न केवल भारतीय संस्कृति और वेदांत का पश्चिम में प्रचार किया बल्कि युवाओं में राष्ट्र भक्ति, आत्मविश्वास और सेवा की भावना जागृत की. आपके विचार भावी पीढ़ी को सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे.”

शिवराज सिंह चौहान ने किया एक्स पोस्ट

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पोस्ट में लिखा, “अपने ज्ञान और अध्यात्म की पवित्र ज्योत से सम्पूर्ण मानवता का कल्याण करने वाले महान आध्यात्मिक गुरु, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत, युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं! आपके ओजस्वी विचार और जीवन-दर्शन हमें सदैव राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देते रहेंगे.”

स्वामी विवेकानंद जी ने अपने विचारों से भारत को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारत की गौरवशाली संस्कृति को विश्वपटल पर स्थापित करने वाले महान युगदृष्टा स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर शत्- शत् नमन! स्वामी विवेकानंद जी ने अपने विचारों से भारत को आत्मविश्वास, गौरव और विश्व को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया. उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं.”

स्वामी जी की पुण्यतिथि पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया नमन

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को संपूर्ण विश्व में ख्याति दिलाने वाले महान विचारक एवं करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. अमरीका के शिकागो की धर्म संसद में वर्ष 1893 में दिए गए उनके ऐतिहासिक भाषण के कुछ अंश, जो आज भी बेहद प्रासंगिक है. – “सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसके भयानक वंशज हठधमिर्ता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं. इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है. कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हुई है. कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं. अगर ये भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है. मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिताओं, हर तरह के क्लेश, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सभी मनुष्यों के बीच की दुर्भावनाओं का विनाश करेगा.”

-भारत एक्सप्रेस 



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