स्वामी नारायण मंदिर, मोरबी.
Swaminarayan Temple: गुजरात के मोरबी में स्वामीनारायण मंदिर ने मच्छू नदी के किनारे जमीन के एक टुकड़े का अतिक्रमण किया गया. अतिक्रमण की इस घटना की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी केबी झावेरी ने कहा कि इसको को हटा दिया जाएगा. बता दें कि मोरबी में झुलतो पुल के ढहने के बाद उस जगह पर मंदिर निर्माण का दावा किया गया था. जिला कलेक्टर के मुताबिक, मंदिर के निर्माण कार्य से नदी का रास्ता अवरुद्ध हो रहा है. जिससे बाढ़ के दौरान आपदा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. जिला कलेक्टर ने इस संबंध में आगे कहा कि कथित अतिक्रमण की शिकायतों की जांच करने के लिए गठित टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
स्वामी नारायण मंदिर के स्वामित्व में नहीं है जमीन
जिलाधिकारी ने कहा कि वे उस जगह के आसपास की जमीन का ब्यौरा पता लगा रहे हैं, जहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने कहा- “निर्माणाधीन मंदिर परिसर ने आस-पास की जमीन पर अतिक्रमण किया है. हम रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं और मंदिर परिसर के आसपास की भूमि का ब्यौरा पता लगा रहे हैं.’’
भूमि अभिलेखों के जिला निरीक्षक, मोरबी के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी (सीओ) और मच्छु नदी के उक्त हिस्से पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाले सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता की टीम ने भी इस संबंध में जानकार जुटाई. जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि निर्माणाधीन मंदिर परिसर के कुछ हिस्से बीएपीएस (स्वामी नारायण मंदिर की संस्था) के स्वामित्व वाली भूमि से बाहर हैं.
नियमों का किया गया उलंघन: जिलाधिकारी
कलेक्टर ने आगे कहा कि जल निकायों के किनारों पर निर्माण को नियंत्रित करने वाले मानदंडों का भी उल्लंघन किया जा रहा है. जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि “मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, जल निकायों के किनारों पर निर्माण को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन नहीं किया गया है. ऐसे में हम रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे और जो भी हटाने की आवश्यकता होगी उसे हटा देंगे.”
-भारत एक्सप्रेस
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